कनिष्क गुप्ता
लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में 68500 पदों के सापेक्ष महज 34660 अभ्यर्थियों को जिला आवंटित किए जाने से नाराज सफल अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी निशातगंज स्थित शिक्षा निदेशालय पर एकजुट हुए। शनिवार से शुरु हुए प्रदर्शन ने रविवार को उग्र रूप ले लिया। अभ्यर्थियों ने हाथ जोड़कर जमकर नारेबाजी की।
दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में 68,500 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। इसमें 41556 अभ्यर्थी ही सफल हुए थे, मगर अफसरों ने लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को चयनित करने का मानक एकाएक बदल दिया। शनिवार को निदेशालय का घेराव करते हुए अभ्यर्थी ‘क्योंकि हम सामान्य हैं, इसलिए अमान्य हैं’ नारे लगाने लगे। अभ्यर्थियों ने इस दौरान कार्यालय में मौजूद अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया, मगर विभाग के किसी अधिकारी ने उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई। देर शाम तक सभी अभ्यर्थी निदेशालय पर धरने पर बैठे रहे। प्रदर्शन के दौरान कई बार टकराव की नौबत भी आई, लेकिन पुलिस बल के आगे अभ्यर्थी कुछ नहीं कर पाए।
क्या कहते हैं बेसिक शिक्षा निदेशक ?
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह के मुताबिक, अभ्यर्थियों से वार्ता हुई है। शासन स्तर पर उनकी समस्या का निदान करने का प्रयास किया जा रहा है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिंह ने एनआइसी से इस संबंध में बात की है। छूटे हुए अभ्यर्थियों की सूची जिलों को भेज दी जाएगी।
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