अंजनी राय
नई दिल्ली। राफेल डील पर मचा सियासी घमासान के बीच कांग्रेस चीफ राहुल गांधी ने इस मामले की जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग की है जिसे रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे कांग्रेस की मोदी सरकार के खिलाफ धारणा की लड़ाई बताते हुए कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियां शामिल हो सकती हैं।
उनका कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पाक-साफ है और वह इस मामले पर जनता बीच जाकर कांग्रेस के दावों को झूठा साबित करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी यूरोप दौरे पर गए थे वहीं हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया था कि फ्रांस से राफेल विमानों के सौदे को लेकर बमबारी होने वाली है जिसके ठीक बाद फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का इस मामले पर बयान आया और अगल दिन ही वह अपने बयान से पलट भी गए।
सीतारमण का कहना है कि पाकिस्तान राहुल गांधी को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में भी पेश कर रहा है। ऐसे में पूरे प्रकरण में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से मना नहीं किया जा सकता। यह दो सरकारों के बीच हुए रक्षा सौदे का मामला है। इसलिए इस सौदे पर किसी दलाल या तीसरे पक्ष के कोई भी भूमिका होना का कोई सवाल नहीं उठता। जिसके चलते कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है।
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