सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को सम्मन जारी कर व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश जारी किये है। मामला लोनी नगर पालिका परिषद के वार्ड नं 39 में बसी खन्ना नगर कालोनी का है।विगत वर्ष की तारीख 19- 06 – 2017 में खन्ना नगर पुलिस चौकी के बराबर 100 फूटा रोड के एक तरफ बने कच्चे व खुले नाले में कालोनी के ही यासीन का पुत्र कासिम उम्र करीब 7 वर्ष खेलते हुए गिर गया था , जिसकी मृत्यु हो गयी थी। कालोनीवासियों व मृतक के पिता के अनुसार उक्त नाले को बनवाने के लिए हजारों प्रार्थना पत्र नगर पालिका परिषद लोनी, तत्कालीन चैयरमैन मनोज धामा तहसील दिवस व जिलाधिकारी को दिये गए। लेकिन किसी ने नाले का निर्माण नही कराया। कालोनी वालो का ये भी कहना है कि उक्त नाले बनवाने को लेकर एक पीढ़ी जवान होकर बुढ़ापे की ओर जा चुकी है। जिसने कई बार धरना प्रदर्शन भी किया है लेकिन ये नाला नही बनाया गया। नगर पालिका परिषद के तत्कालीन चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी किसी की मृत्यु होने का इन्तेजार कर रहे है और मासूम कासिम उक्त चेयरमैन व नगर पालिका परिषद प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो गया।
उक्त मृतक के माता पिता ने अपने की मौत के जिमेदार चेयरमैन व अधिसशी अधिकारी लोनी के खिलाफ जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी लोनी से कार्यवाही व मुआवजे की मांग भी की लेकिन उक्त अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ को बचाने का काम किया। पीड़ित माता पिता को प्रशासन से कोई भी किसी भी प्रकार की सहायता नही मिली और न ही लापरवाही बरतने पर किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई थी। उक्त मामले में जनहित को लेकर समाजसेवी व यंग मूवमेंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आमीर हुसैन एडवोकेट ने स्वम संज्ञान लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में एक पिटिशन दिनांक 20-6-17 को दाखिल की गयी जिसमे दिनांक 07-07-17 को पिटिशन न0 18638/24/31/2017/oc दर्ज हुई और जिलाधिकारी व एसएसपी गाजियाबाद तथा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका लोनी को दिनांक 21-7-17 में आयोग ने नोटिस भेजकर की गई समस्त कार्यवाही 4 सप्ताह में भेजने को कहा गया था। लेकिन उक्त तीनों अधिकारी गणों ने आयोग के नोटिस पर कोई रिपोर्ट नही भेजी। पिटीशनर अधिवक्ता आमिर हुसैन ने आयोग से उक्त मामले में कार्यवाही व रिपोर्ट ने देने पर अधिकारियों को तलबकर जवाबदेही की मांग की। जिस पर आयोग ने उक्त तीनों अधिकारियों को सम्मान जारी कर दिनांक 6-12-18 तक स्वयं रिपोर्ट सहित उपस्थित होने के आदेश दिये। वही अधिवक्ता आमिर हुसैन का कहना है कि उक्त मामले में पीड़ित माता पिता के परिवार वालो के द्वारा आयोग के माध्यम से कम से कम 50 लाख का मुआवजे दिलाये जाने की मांग की गई है और लापरवाही बरतने पर नगर पालिका परिषद प्रशासन व तत्कालीन चैयरमैन के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की गई है।
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