कमलेश कुमार
अदरी(मऊ). श्रीकल्याण रामजानकी रामलीला समिति इंदारा के तत्वाधान में शनिवार की रात वृन्दावन से आए कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ, रावण वाणसुर संवाद व लक्ष्मण परसुराम संवाद लीलाओं का मंचन किया। इस दौरान सुंदर मंचन को देखने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे थे।
वाणासुर ने कहा कि मैं तो सिर्फ गुरु भाई जनक के यहां सेवा भाव से आया हूं। सीता तो मेरी पुत्री समान है। यह कह कर वाणासुर वहां से चला जाता है। तभी रावण अपनी ज्योतिष विद्या से यह जान लेता है कि धनुष तोड़ने वाले यहां बैठे हैं। वह भी धनुष को प्रणाम कर चला जाता है। शिव धनुष के न टूटने पर राजा जनक निराश हो जाते हैं। अपनी व्यथा व्यक्त करते हैं कि क्या पृथ्वी वीरों से खाली है। यह सुनकर लक्ष्मण जी आवेश में उठ कर खड़े हो जाते हैं। कहते है कि यदि गुरु की आज्ञा हो तो मैं इस धनुष को तोड़ कर फेंक दूं। तभी विश्वामित्र जी लक्ष्मण को बैठने का आदेश देते हैं। फिर राम को धनुष उठाने के लिए आज्ञा देते हैं। गुरु आज्ञा पाकर प्रभु राम विश्वामित्र जी को प्रणाम कर धनुष के पास पहुंचते हैं। दोनों हाथों से धनुष को उठा लेते हैं। फिर धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने लगते हैं तभी शिव धनुष गड़गड़ाहट के साथ टूट जाता है। धनुष टूटने के बाद सीता जी प्रभु राम के गले में जय माल डालने पहुंचती है। लीला मंचन के दौरान चंद्रभान यादव, राणा प्रताप यादव, मोनू, रवि मद्धेशिया आदि थे।
तारिक आज़मी वाराणसी: खिचड़ी.... एक नाम सुनते के साथ ही बनारसी और बनारसियत का जज्बा दिल…
आदिल अहमद डेस्क: दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने मंगलवार…
शफी उस्मानी डेस्क: आज पुरे आलम-ए-इस्लाम में मौला अली का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम के…
तारिक आज़मी डेस्क: 17 मार्च 600 से तक़रीबन 1400 वर्ष पहले मुस्लिम तीर्थ स्थल काबा…
ए0 जावेद वाराणसी: वाराणसी की चेतगंज पुलिस को कातिल चाइनीज़ मंझे के खिलाफ एक बड़ी…
सबा अंसारी वाराणसी: वाराणसी नगर निगम की सीमाओं में इजाफा होने के बाद नए जुड़े…