तारिक खान
इलाहाबाद, 30 सितम्बर. कुम्भ मेले के दौरान तमाम बच्चे लापता होते हैं. दिव्यांग बच्चों को भी लोग मेले में छोड़ जाते हैं. उस दौरान लापता होने बाले बच्चों को उनके परिवार तक पहुँचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बाल संरक्षण गृहों की संख्या भी कम पड़ जाती है.लापता बच्चों को परिजनों को सौंपने के लिए बाल कल्याण समिति भी सीमित रह जाती है. कुम्भ मेले में लापता बच्चों को उनके परिजनों तक पहुँचाने के लिए मेला समय तक अतिरिक्त बाल गृह और बाल कल्याण समिति के गठन की जरुरत है यह कहना है उप श्रम आयुक्त राकेश दुवेदी का. उनकी अध्यक्षता में आयोजित हुयी महफूज़ की बैठक में बाल हितैषी कुम्भ बनाने पर मंथन किया गया.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संस्था क्राई (Child Rights & You) के सहयोग से बाल अधिकारों पर काम करने वाले विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साझा मंच महफ़ूज़ – सुरक्षित बचपन है. महफ़ूज़ – सुरक्षित बचपन द्वारा इलाहाबाद में वर्ष 2019 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले को बाल हितैषी बनाने के उद्देश्य से इलाहबाद के विभिन्न समान विचारधारा वाले संगठनों एवं सरकारी मशीनरी के साथ बैठक का आयोजन किया गया.
बाल हितैषी कुम्भ बनाने के उद्देश्य को रखते हुए महफूज़ के राज्य संयोजक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि इलाहाबाद में वर्ष 2019 में कुम्भ मेला का आयोजन होने जा रहा है. प्रायः देखा गया है कि कुम्भ मेले में करोड़ो श्रद्धालु स्नानादि के लिए आते है, जिनमे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो की संख्या भी बहुतायत रहती है. मेला क्षेत्र में बाल संरक्षण से सम्बंधित अनेक मुद्दे देखने को मिलते है जिसमे बच्चो का खोना, अपहरण, बाल तस्करी, बालश्रम, बाल भिक्षावृति, बाल यौन शोषण, दिव्यांग बच्चो को बेसहारा छोड़ जाना आदि मुद्दे प्रमुख हैं.
प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए महफूज़ के राज्य संयोजक संजय राय ने कहा कि यद्यपि सरकार के विभिन्न तंत्रों द्वारा इनकी रोकथाम के लिए प्रयास किये जाते है, किन्तु मेले में भीड़ एवं व्यवस्था प्रबंध के आगे ये सभी मुद्दे गौण रह जाते है. उक्त मुद्दों को को ध्यान में रखते हुए कुम्भ मेला को बाल हितैषी कुम्भ बनाने के लिए इलाहबाद के राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में सभी बाल हितग्राहियों के साथ आज की बैठक आहूत की गयी. जिसमे इलाहबाद की CWC, JJB, SJPU, City and Railway Childline तथा अन्य सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया.
बैठक में निम्नलिखित बिन्दुओं पर संयुक्त रूप से कार्य करने का निर्णय लिया गया.-
1. सम्पूर्ण कुम्भ नगरी प्रयाग हेतु जोन/सेक्टर के आधार पर मेला अवधि तक के लिए किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत अतिरिक्त बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड का गठन तथा मेला क्षेत्र में उनकी प्रतिदिन बैठकें सुनिश्चित करायी जाएं.
2. सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को बाल श्रम एवं कामकाजी बच्चो से मुक्त रखने के लिए श्रम विभाग की टीम को निर्देशित एवं प्रशिक्षित कराया जाए.
3. जोन/सेक्टर के आधार पर ही रेस्क्यू सेंटर वाहन के साथ स्थापित किया जाए, ताकि बाल शोषण अथवा खोये-पाये बच्चो के मिलने की सूचना की स्थिति में यह केंद्र त्वरित कार्यवाही कर सके. इन रेस्क्यू सेंटरों को एकीकृत व्यवस्था के साथ जोड़ा जाए, ताकि किसी भी एक सेंटर पर प्राप्त बच्चे की जानकारी सभी सेंटरों पर तत्काल पहुच जाए.
4. उक्त रेस्क्यू सेंटरों की लोकेशन व फ़ोन/मोबाइल नंबर तथा यू.पी. 100, चाइल्डलाइन (1098), वुमेन पॉवर लाइन (1090), आशा ज्योति केंद्र (181), एम्बुलेंस (102 व 108) आदि के बारे में निरंतर जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा अन्य विभागों व संस्थाओं द्वारा संचालित साइनबोर्ड, ग्लो साइन तथा दृश्य व मुद्रित प्रचार सामग्री में विस्तार पूर्वक अंकित किया जाए, साथ ही रेलवे स्टेशनों एवं बस स्टेशनों पर भी ध्वनि प्रसारक यंत्रों से इसकी निरंतर सूचना प्रसारित की जाए.
5. कुम्भ मेला क्षेत्र में तैनात सभी पुलिस, सुरक्षा बलों तथा अर्ध सैनिक बलों के जवानों को बाल अधिकार, बच्चों के साथ व्यवहार एवं बाल संरक्षण सबंधित सामान्य कानूनों जैसे- किशोर न्याय अधिनियम, पाक्सो अधिनियम एवं बाल श्रम अधिनियम के बारे में सामान्य जानकारी एवं प्राप्त बच्चों को रेस्क्यू सेंटरों तक तत्काल पहुँचाने हेतु प्रशिक्षित किया जाय.
6. रेस्क्यू सेंटरों पर बच्चों को भावनात्मक संबल प्रदान करने के लिए बाल मनोवैज्ञानिक/ काउंसलर, अस्थाई आवास एवं इनडोर खेलों की व्यवस्था की जाए.
7. बालिकाओं एवं महिलाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता एवं माहवारी प्रबंधन के लिए मेला क्षेत्र में स्थापित स्वास्थ्य केन्द्रों, शौचालयों एवं रेस्क्यू सेंटरों पर निशुल्क सेनेटरी पैड की उपलब्धता एवं यूज्ड पैड को नष्ट करने के लिए इंसीनिरेटर की व्यवस्था करायी जाए.
8. मेला क्षेत्र में विविध भारतीय भाषाओँ की जानकारी रखने वाले स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाए ताकि गैर हिंदी भाषी व्यक्तियों/बच्चों को कठिनाई का सामना न करना पड़े.
इससे पूर्व भी कई बैठके की जा चुकी है. इसी क्रम में सरकार के माननीय मंत्रीयो , सम्बंधित विभाग, मंत्रालय, आयोग को भी पत्र और वार्ता के माध्यम से अवगत किया जा चूका है. बैठक में कमलेश चंद, महफूज से नरेश पारस (आगरा), हरीश (सिद्धार्थनगर), रेलवे चाइल्ड लाइन इलाहाबाद से अजीत सिंह, एसजेपीयू के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह, मनोज कुमार जेजेबी सदस्य (महोबा), एम एन आईटी के समाजकार्य विभागाध्यक्ष डॉ.राजेश शास्त्री, अन्य सामाजिक संस्थाओं के सदस्य आदि उपस्थित रहे.
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