आफताब फारुकी
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुण टंडन की जांच में बेदाग साबित हुए हैं। उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले। न्यायमूर्ति टंडन ने नौ पन्ने की जांच रिपोर्ट कार्यवाहक कुलपति को शनिवार को सौंप दी थी। रविवार को विवि के गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता कर रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। रिपोर्ट दो दिनों में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय भेजी जाएगी।
यहां कैंपस में विरोध शुरू हुआ तो कुलपति छुट्टी पर चले गए। उसके बाद कार्यवाहक कुलपति ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति टंडन की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई थी। प्रेस वार्ता में विवि के पीआरओ डॉ. चितरंजन कुमार ने रिपोर्ट के विभिन्न पहलू को पत्रकारों के समक्ष रखा। बताया कि महिला ने खुद रिटायर्ड न्यायमूर्ति को एसएमएस करके अपनी बात रखी। उसने हलफनामा भी दिया है, जिसमें कुलपति प्रकरण में खुद की भूमिका से साफ इन्कार किया है। महिला ने कहा है कि कुछ लोगों ने उसे बदनाम करने की कोशिश की है।
शाहीन अंसारी वाराणसी: विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा…
माही अंसारी डेस्क: कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले की आरोपियों में से एक आरोपी एस…
ए0 जावेद वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी…
ईदुल अमीन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने संविधान की प्रस्तावना में…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…