आफताब फारुकी
डेस्क। इलाहाबाद का नाम बदलने के बाद मामला ठंडा पड़ता नही दिखाई दे रहा है। अब इस बार एक और जनहित याचिका इस नाम बदलने के प्रकरण में दाखिल हुई है। जिसमे न्यायालय ने नोटिस जारी कर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब माँगा है। याचिकाकर्ता मो. अफ्फान के अधिवक्ता साहिब अली सिद्दीकी के मुताबिक सोमवार को याचिका का नोटिस राज्य और केंद्र सरकार को दिया जाएगा।
इसके बृहस्पतिवार या शुक्रवार को सुनवाई पर आने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 51 (फ) में भारत के हर नागरिक को प्राचीन धरोहर , संस्कृति की सुरक्षा करने का अधिकार है। बिना केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के राज्य सरकार द्वारा जिले का नाम बदलना अनुचित है।
याचिका में आधार लिया गया है कि मुगल शासक अकबर ने प्रयाग का नाम नहीं बदला था अपितु उन्होंने इलाहाबाद के नाम से नया जिला बनाया था। अंक शास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रयागराज का अंक सात होता है जो केतु ग्रह से प्रभावित है, जबकि इलाहाबाद का अंक छह है जो शुक्र गृह से प्रभावित है। अंक छह प्रगति का द्योतक है। प्रयागराज से मात्र आध्यात्मिक मोक्ष का तात्पर्य है। अब देखना यह होगा कि नाम में बदलाव करने के सरकार के फैसले को सरकार कैसे न्यायालय में रखती है।
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