आफताब फारुकी
बिल्थरा रोड (बलिया). नगर पंचायत माल गोदाम रोड पर स्थित जीएमएएम इंटर कालेज में राष्ट्रगान के बाद वंदेमातरम व भारत माता की जय बोलने पर छात्रों को दिया जाता है सजा इस आरोप से संबंधित वायरल वीडियो को लेकर मामला की जांच के लिए शनिवार को डीआईओएस नरेंद्र देव ने कथित जांच शुरू कर दिया है। आपको बताते चले कि नरेन्द्र देव वही जिला विद्यालय निरीक्षक है जिनके कार्य प्रणाली से लगभग परेशान होकर विधायक और उनके समर्थको ने इनसे हाथापाई कर डाला था
अजीब जाँच थी साहब, जिला विद्यालय निरीक्षक नरेन्द्र देव शायद आज सुबह नाश्ता नही किये होंगे. साहब का जाँच करने का तरीका भी अनोखा रहा, साहब विद्यालय आते है, न बच्चो से मिलना न किसी से कोई और बयान लेना, न उस अध्यापक से मिलना जिसने इस शिकायत की पुष्टि किया था, साहब सीधे मैनेजर के कमरे में पहुच गये, हे हे हां हां हु हु के बीच साहब ने मिठाइयो से अपने मुह को मीठा किया और कुछ देर रहने के बाद चलने लगे, हमने ही पूछ लिया साहब से कि साहब क्या जाँच पूरी हो गई, तो साहब आखिर ठहरे साहब उन्होंने टप से जवाब दिया नहीं अभी जाँच शुरू किया है, पूरी होने पर निष्कर्ष आप लोगो को बता दूंगा.
अब समझ नहीं आया कि साहब आखिर जाँच किस चीज़ की करने आये थे. लगता है जिला विद्यालय निरीक्षक जी जाँच किस चीज़ की करनी है मालूम करने आज वापस चले गये है, शायद उनको मौके पर मिठाई की जाँच करना ज़रूरी था. अब मिठाई की जाँच हो गई है तो बकिया जाँच आगे बढ़ेगी या नहीं कहा नहीं जा सकता है. वैसे साहब ने कथित रूप से प्रिंसिपल माजिद नासिर को आवश्यक दिशा निर्देश दिये है। यह जानकारी भी कथित तरीके से प्राप्त हुई, समझ नही आया कि साहब को सिर्फ मिठाई ही खाना था तो इतनी दूर काहे चले आये, जितना गाडी का तेल खर्च हुआ होगा उसके आधे से भी कम में पेट भर कर मिठाई अपने आफिस में खा सकते थे, वैसे साहब बुरा नहीं मानियेगा ये जो मिठाई होती है असल में मीठी होती है तो इस वजह से सुगर हो जाता है. तो मिठाई थोडा कम खाने से सुगर नही होगा.
क्या कहा जिला विद्यालय निरीक्षक ने
करीब डेढ़ घंटे तक विभिन्न पहलुओं पर वार्ता (मिठाई के खाने के दौरान) के बाद डीआइओएस ने कालेज प्रशासन को अनुशासन व साफ-सफाई के बाबत अनेक कदम उठाने के निर्देश दिए। जांच के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान डीआइओएस नरेंद्रदेव ने कहा कि राष्ट्रीय गान जन-गण-मन के बाद भारत माता की जय के तीन बार जयकारा लगाने एवं वंदेमातरम के उद्घोष से मनोवैज्ञानिक व दार्शनिक दृष्टि से राष्ट्रप्रेम व निष्ठा की हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और हम एक्टिवेट हो जाते है। अगर राष्ट्रीयगान होता है तो ऐसे उद्घोष से कतई रोका नहीं जा सकता। कहाकि 2136 छात्र-छात्राओं के भविष्य की जिम्मेदारी निभाने वाले जीएमएएम इंटर कालेज के हर दैनिक कार्य पर उनकी नजर होगी।
उन्होंने जीएमएएम इंटर कालेज के प्रबंध तंत्र व ¨प्रसिपल माजिद नासिर के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जीएमएएम इंटर कालेज अल्पसंख्यक कालेज नहीं है। यहां किसी तरह के कॉम्यूनल लॉ छात्रों पर नहीं थोपा जा सकता। अन्य कालेज, स्कूल की तरह ही यह भी शासन द्वारा सहायता प्राप्त कालेज है। यहां कोई अन्य दूसरा नियम नहीं चलेगा।
एसडीएम ने भी किया जाँच
इसके पूर्व उक्त प्रकरण को लेकर एसडीएम राधेश्याम पाठक व उभांव इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने भी कालेज प्रशासन ने वायरल वीडियों के संदर्भ में हकीकत जाना। थाना स्तर की जाँच क्या कहती है नहीं मालूम और न ही उस सम्बन्ध में किसी को कोई आपत्ति कर सकता है क्योकि किसी प्रकार की लिखित शिकायत थाना स्थानीय को नहीं मिली है. मगर एसडीएम साहब की जाँच भी उसी तरह हुई जैसे जिला विद्यालय निरीक्षक ने जाँच कर डाला था. साहब भी मौके पर गये जो बयान लेना था लिया और एकदम नार्मल तरीके से साहब चले गये.
छात्रों में हड़कंप, खूब हुई हुटिंग
राष्ट्रीय गान के बाद जयकारा लगाने पर छात्रों की पिटाई व सजा दिए जाने के आरोप संबंधित वायरल वीडियो के बाद शनिवार को छात्रों में जबरदस्त हड़कंप रहा। छात्रों को भरोसा था कि वायरल वीडियो के बाद परिस्थितियां जल्द ही बदलेगी किन्तु शनिवार को किसी तरह के बदलाव न होने पर छात्रों ने राष्ट्रीय गान के बाद जमकर हुटिंग की और नारेबाजी करते हुए अपनी कक्षा तक गए। वहीं डीआइओएस ने जल्द ही व्यवस्था परिवर्तन का भरोसा दिया है।
कालेज प्रशासन ने भी रखा अपना पक्ष, जारी किया बयान
कालेज प्रशासन ने शनिवार को अपना पक्ष लिखित रूप में रखा। पूरे प्रकरण को कालेज प्रशासन ने छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा बताया। ¨प्रसिपल माजिद नासिर ने जारी बयान में कहा कि कालेज में छात्रों में किसी तरह का साम्प्रदायिक भेदभाव नहीं होता। राष्ट्रभक्ति व अनुशासन के बीजारोपण को यहां स्काउट गाइड का प्रशिक्षण भी होता है। उन्होंने अभिभावकों से द्वेषवश नकारात्मक संदेश देने वाले वायरल वीडियो पर भरोसा न करने की अपील की है।
कुछ कलमकार बने पत्रकारों के ठेकेदार
प्रकरण की निष्पक्षता के साथ जाँच के लिये पत्रकारों ने भी अपनी नज़र कालेज पर गडा रखा था. इस दौरान खुद को नियमो में फंसता देख कालेज प्रबंध तंत्र ने कुछ पत्रकारों को बुलवा लिया था. मौके पर अनभिज्ञ और अज्ञात की तरह खड़ा मैं भी सब खेल देखने और समझने की कोशिश कर रहा था. खुद को विभिन्न अखबारों का पत्रकार बताने वाले तीन सज्जन ऐसा लग रहा था कि सभी मीडिया हाउस का ठेका लेकर बैठे है. उनकी बातो से ऐसा लगा कि आज उन्होंने कसम खा रखा है कि इस कालेज को क्लीन चिट दिलवा कर मानेगे. सबको समझाते हुवे उनको प्रबन्धतंत्र से जुड़े एक व्यक्ति से बात करते सुना गया कि आप घबराइये नहीं मैं सबको मैनेज कर लूँगा.
देखने में लग रहा था कि आज उनको किसी खबर से कोई लेना देना नहीं है बस यहाँ बैठ कर दिन भर एक ही खबर को मैनेज कर डालेगे. नाम तो उनके हमको भी पता है मगर अपने पत्रकार बिरादरी का सम्मान करते हुवे उनका नाम नहीं लूँगा बल्कि सिर्फ इतना कहुगा कि खुद का ठेका भले ले लो प्रभु मगर सबका ठेका न लिया करो हर कोई बिकाऊ नहीं होता है.
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