आफ़ताब फ़ारूक़ी , आदिल अहमद
जर्मनी के एक समाचार पत्र ने लिखा है कि बिन सलमान केवल विरोधी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या के ही ज़िम्मेदार नहीं हैं बल्कि यमन की विषम और दयनीय स्थिति के भी ज़िम्मेदार हैं।
जर्मनी के एक समाचार पत्र ज़ोडूइचे साइटुंग ने यह बयान करते हुए कि बिन सलमान केवल विरोधी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या के ही ज़िम्मेदार नहीं हैं बल्कि वह यमन की अमानवीय और दयनीय स्थिति के भी ज़िम्मेदार हैं, लिखा कि ख़ाशुक़्जी की हत्या के मामले में पारदर्शिता दिखाई जानी चाहिए और यमन युद्ध भी समाप्त होना चाहिए।
जर्मनी का यह समचार पत्र लिखता है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान, यमन की अमानवीय और दयनीय स्थिति के भी ज़िम्मेदार हैं जिसने हज़ारों लोगों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया, अब पश्चिम की ज़िम्मेदारी है कि वह केवल सऊदी सरकार के एक विरोधी पत्रकार की हत्या के मामले पर ही दबाव न डाले।
समाचार पत्र आगे लिखता है कि इस बात के दृष्टिगत कि ख़ाशुक़्जी की हत्या के मामले पर पश्चिमी और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने बहुत अधिक ध्यान दिया, संयुक्त राष्ट्र संघ के आपात सहायता केन्द्र ने एक बार फिर सचेत किया है कि यमन की आधी से अधिक जनता को अभूतपूर्व भुखमरी का सामना है और यदि यमन में युद्ध जारी रहा तो लगभग एक लाख चालीस हज़ार यमनवासियों को यह पता नहीं होगा कि अगली रोटी कहां से मिलेगी।
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