फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जन जागरूकता रैली से हुआ। जिसको सदर विधायक योगेश वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए रैली का समापन जिला चिकित्सालय में हुआ। जहां पर एक वृहद गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रविंद्र शर्मा ने की।
इस दौरान डॉ रविंद्र शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में तेजी से बढ़ते हुए मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन एग्ज़ाइटी, सिरदर्द, शिज़ोफ्रेनिया आदि ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराहट, बेचैनी, दिल का जोरों से धड़कना, कंपन इत्यादि एग्ज़ायटी के लक्षण हो सकते हैं तथा सिरदर्द, उल्टी का भाव, तनाव इत्यादि भी मानसिक बीमारी की वजह से हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय में मन कक्ष की स्थापना हो चुकी है। जिसमें प्रारंभिक मानसिक समस्याओं को काउंसलिंग के माध्यम से दूर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मेडिटेशन योग द्वारा भी मानसिक रोगों से बचा जा सकता है, जो सुविधाएं जिला चिकित्सालय में उपलब्ध हैं।
मनोचिकित्सक डॉक्टर अखिलेश शुक्ला ने विस्तार से आम मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, शिजोफ्रेनिया, याददाश्त का खोना, साइको सेक्सुअल तथा डिएडिक्सन के बारे में उपस्थित लोगों को बताया। उन्होंने बताया कि शक करना, कानों में आवाज आना, ऊपरी हवा का वहम आदि गंभीर रोगों के लक्षण हो सकते हैं। जिसका इलाज पूरी तरह संभव है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरपी दीक्षित ने बहुत ही सहज ढंग से ओसीडी बीमारी के विषय में जानकारी दी। इस बीमारी के कारण व्यक्ति जानते हुए भी एक ही काम को बार बार करता है और समय से पहचान कर मनोचिकित्सक की सलाह लेकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
रेड क्रॉस सोसायटी कि जिला संयोजक आरती श्रीवास्तव ने उपस्थित विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच के बारे में बताया, कि कैसे लक्ष्य की प्राप्ति में लचीले पन की आवश्यकता है। युवराज दत्त महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने भी इस दौरान अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मस्तिष्क से विद्यार्थी अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, जरूरत है सकारात्मक सोच की। सभा का समापन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आरके वर्मा ने किया। इस दौरान उन्होंने मानसिक बीमारियों पर बोलते हुए लोगों को टोना-टोटका व झाड़-फूंक से दूर रहने की सलाह दी और किसी भी तरह की मानसिक बीमारी के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह के बारे में कहा कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अश्वनी कुमार ने भी अपने विचार रखें। इस दौरान एनसीसी के सूबेदार सुरेश कुमार, एनेस्थेटिक डॉक्टर एस के मिश्रा, इपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ राकेश गुप्ता, वित्तीय सलाहकार विजय वर्मा, काउंसलर देवनंदन श्रीवास्तव, सोशल वर्कर अतुल पांडे, अनुज श्रीवास्तव व विवेक मित्तल सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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