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काले खून का कारोबारी बोला, बिना एचआईवी जांच के बेचता था रिक्शावाले का खून

शाहरुख खान

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में काले खून का कारोबार करने वाले नसीम ने यूपीएसटीएफ से पूछताछ में बेहद भयावह खुलासे किए। मुख्य आरोपी नसीम ने कहा कि वह मजदूरों व रिक्शे वालों ने 1000 से 1200 रुपये में ब्लड खरीदता था और उसमें सेलाइन वाटर मिलाकर 3500 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बेच देता था।

नसीम ने कहा कि मैं पैसा बचाने के लिए ब्लड का एचआईवी, हेपिटाइटिस बी, हेपिटाइटिस सी, वायरस, वीडीआरएल व मलेरियल पैरासाइट कोई टेस्ट नहीं करता था। मुझे पता है कि ऐसा न करने से जिस मरीज को रक्त दिया जाता है उसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं लेकिन मैं ऐसा करता हूं। मामले में बृहस्पतिवार रात यूपीएसटीएफ ने देर रात मड़ियांव स्थित मेडिसिन एंड ब्लड बैंक हॉस्पिटल और बीएनके हॉस्पिटल में छापा मार कर पांच लोगों को दबोच लिया।

नशे के आदियों को पैसे देकर ले लेता था खून।

नसीम के अनुसार, वह अपने घर में ही नशे के आदी प्रोफेशनल ब्लड डोनर को कुछ पैसे का लालच देकर ब्लड निकाल लेता था और फिर उसमें सलाइन वाटर मिलाकर एक यूनिट से दो यूनिट खून बनाकर इसे पैक्ड रेड ब्लड सेल (पीआरबीसी) बताकर बेचता था। उसने बताया कि पीआरबीसी यूनिट में ब्लड की मात्रा कम होती है। जिससे आसानी से दो यूनिट खून तैयार हो जाता है। तैयार ब्लड को काले कारोबार से जुड़े अन्य लोग हॉस्पिटल में मरीजों के तीमारदारों को झांसे में लेकर उनसे ब्लड बैंक से बिना बदले कम पैसे में खून दिलाने का भरोसा दिलाकर सलाइन वाटर मिला हुआ रक्त प्रति यूनिट 2000 रुपये से 3000 में बेच देता हूं।

ये पांच हुए गिरफ्तार, करते थे ये काम।

इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद नसीम पुत्र स्वर्गीय जाकिर अली, थाना हसनगंज, सीतापुर रोड, लखनऊ का रहने वाला है। नसीम अपने घर से अवैध ब्लड बैंक चलाता था। इसके अलावा राशिद अली उर्फ आतिफ पुत्र स्वर्गीय शौकत अली, वजीर बाग जरही पुराना लखनऊ। इसका काम अवैध ब्लड डोनर को लाना और बनाए गए खून को बेचना होता था। राघवेंद्र प्रताप सिंह पुत्र राम देव वर्मा, ग्राम हरई थाना देवा तहसील नवाबगंज, बाराबंकी। जो कि ब्लड बैंक का टेक्नीशियन है का काम ब्लड की व्यवस्था करना था।

वहीं, पंकज कुमार त्रिपाठी पुत्र पारस नाथ त्रिपाठी शीतल पुरवा पोस्ट हुजूरपुर बहराइच। ब्लड बैंक में लैब अटेंडेंट है जो कि प्रोफेशनल ब्लड डोनर से रक्त लेकर नसीम को देता था। हनी निगम पुत्र स्वर्गीय अमरेश कुमार निगम, निशातगंज लखनऊ का रहने वाला है जो कि ब्लड बैंक के जाली स्टीकर व अन्य पेपर प्रिंट तैयार करता था। ये ब्लड निकालना और ब्लड डोनर का इंतजाम भी करता था।

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