संजय ठाकुर
मऊ : प्रभारी जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में प्रेस वार्ता सम्पन्न हुआ। जिसमें जी0पी0डी0पी0 पर समीक्षा की गयी। प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत किसी भी गरीब व्यक्ति को आवास से वंचित नहीं किया जायेगा। समाज के हर गरीब व्यक्ति का चिन्हिकरण कर उसे आवास दिया जायेगा।
73वें संविधान संशोधन अधिनियम के प्रभावी होने के बाद ग्राम पंचायतों द्वारा इस भूमिका निर्वहन प्रभावी ढंग से किया गया है। किन्तु ग्राम पंचायतों द्वारा अपनी तात्कालिक आवश्यकता के अनुसार कार्य किये जाते रहे हैं किसी एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संशाधनो का आकलन कर वार्षिक कार्ययोजना तैयार नहीं की जाती रही है। फलस्वरूप जहां एक ओर संशाधनों का प्रभावी उपयोग नही हो पाया हो वहीं दुसरी ओर ग्राम पंचायत के समग्र विकास को भी लक्षित नहीं किया जा सका है। संयुक्त पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 15 ‘‘क’’ में ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष पंचायत क्षेत्र के लिये एक विकास योजना तैयार करने का प्राविधान है। 14वें वित्त आयोग के अनुशंसा के परिपे्रक्ष्य में विकेन्द्रित नियोजन की प्रक्रिया को अपनाते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना बनाया जाना आवश्यक है ग्राम पंचायत विकास योजना का केन्द्र ग्राम पंचायत का समग्र विकास होगा, जिसमें न केवल अधोसंरचनात्मक विकास सम्मिलित रहेगा बल्कि समाजिक, आर्थिक एवं वैयिक्तिक विकास भी ग्राम पंचायत योजना का भाग होंगा।
14वें वित्त आयोग के अनुशंसा के फलस्वरूप वर्ष 2015-16 से ग्राम पंचायतों को शत-प्रतिशत धनराशि हस्तानांतरण के दृष्टिगत योजना तैयार किया जाना अनिवार्य किया गया है। प्रत्येक वर्ष ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं के विकास के लिये प्राप्त वित्तीय संशाधनों के सापेक्ष ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार कर भारत सरकार के साफ्टवेयर प्लान प्लस पर अपलोड की जाती है एवं कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति को एक्सन साफ्ट/प्रिया साफ्ट पर अंकित किया जाता है। ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार की जाने वाली वार्षिक कार्ययोजना जिसको उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत विकास योजना (जी0पी0डी0पी0)-हमारी योजना हमारा विकास का नाम दिया गया है, अन्तर्गत मुख्यतः 14वें एवं चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की धनराशि से किये जा रहे प्रयासों एवं योजना तैयार किये जाने की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिये वर्ष 2016-17 से ग्राम पंचायतों द्वारा वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर प्लान प्लस पर अपलोड किया जा रहा है। परन्तु पप्र्यात संशाधनों एवं जागरूकता के अभाव में उनके द्वारा अपलोड की जाने वाली कार्य योजना मात्र निमार्ण केन्द्रित पर लक्षित हो रही हैं।
वार्षिक कार्ययोजनाओं में अभी भी कम लागत/बिना लागत अथवा स्वयं के संशाधनों से कराये जाने वाले कार्यों का समावेश नहीं के बराबर है। ग्राम पंचायत विकास योजना एक समग्र विकास की योजना है जो कि जन भागीदारी से बनायी जानी चाहिए एवं विभिन्न विभागों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले समस्त कार्यों का उल्लेख होना चाहिए, ताकि समाज का प्रत्येक वर्ग इससे लाभान्वित हो सकें एवं कार्यों में पारदर्शिता आये।02 अक्टूबर, 2018 से 31 दिसम्बर, 2018 के मध्य सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना/वार्षिक कार्ययोजना(जी0पी0डी0पी0) तैयार कराने हेतु समस्त ग्राम सभाओं के दो बैठक आहूत करने हेतु रोस्टर निर्गत किया जा चुका है। प्रथम बैठक 03 अक्टूबर, 2018 से प्रारम्भ होकर 15 अक्टूबर, 2018 तक चलेगी तथा द्वितीय बैठक 01 नवम्बर, 2018 से 19 नवम्बर, 2018 तक चलेगी।
ग्राम पंचायत विकास योजना वर्ष 2019-20 तैयार कराये जाने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर फैसलिटेटर की तैनाती कर दी गयी है, जिनका प्रशिक्षण विकास खण्ड पर सम्पादित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत विकास योजनान्तर्गत पिछले 03 वर्षो में ग्राम पंचायतों को आवंटित धनराशि व कराये गये कार्यो का विवरण वित्तीय वर्ष 2016-17 कुल आवंटित धनराशि रू0 8121.17 लाख, वित्तीय वर्ष 2017-18 में रू0 9181.55 लाख, वित्तीय वर्ष 2018-19 में रू0 4558.85 लाख ग्राम पंचायतों को हस्तान्तरित धनराशि की जा चुकी है। ग्राम पंचायतों द्वारा रिबोर कराये गये हैण्डपम्पों का विकास खण्डवार विवरण विकास खण्ड घोसी में 608, बड़रांव में 210, कोपागंज में 393, मुहम्मदाबाद गोहना में 436, परदहां में 221, रानीपुर में 342, रतनपुरा में 425, दोहरीघाट में 297 एवं फतहपुर मण्डांव में 150 हैण्ड पम्पों का रिबोर करा दिया गया है। ग्राम पंचायत विकास योजनान्तर्गत निर्गत मार्ग निर्देश के अनुरूप वार्षिक कार्ययोजना तैयार किये जाने की प्रक्रिया निम्नवत है-
1- आई0ई0सी0 गतिविधियों (प्रचार-प्रसार, फ्लैक्स/वालपेंटिंग आदि) के माध्यम से जनजागरूकता एवं वातावरण निर्माण।
2- पी0आर0ए0 टूल्स(सहभागी नियोजन) एवं अन्य विधियों के उपयोग द्वारा सामुदायिक सहभागिता से पंचायत की समाजिक, आर्थिक एवं संरचनात्मक विकास का पारिस्थितिक विश्लेषण करना।
3- ग्राम पंचायत के रिसोर्स एन्वलप (वित्तीय एवं मानव संशाधन) का निर्धारण करते हुए ग्राम सभा की बैठक का आयोजन एवं ग्राम पंचायत की पारिस्थिकी रिपोर्ट को समुदाय के समक्ष रखना एवं आवश्यकताओं का आकलन।
4- रिसोर्स एन्वलप के सापेक्ष आवश्यकताओं का प्राथिमिकीकरण करते हुए दिर्घकालिक दृष्टिकोण से वार्षिक कार्ययोजना को तैयार किया जाना।
5- पुनः ग्राम सभा के अनुमोदन के पश्चात् वार्षिक कार्ययोजना को प्लान प्लस साफ्टवेयर पर अपलोड करते हुए कार्यों की तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त किया जाना।
उक्त रूप से प्रक्रिया के पालन एवं ग्राम पंचायतों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक है कि मीडिया के माध्यम से इस विषय को सम्बोधित किया जाए एवं पंचायत के एक-एक व्यक्ति को योजना निर्माण से जोड़ा जाए ताकि सामुदायिक सहभागिता से योजना तैयार की जा सके एवं ग्राम पंचायत आदर्श के रूप में स्थापित हो सके। उक्त अवसर पर हरिद्वार राय, जय प्रकाश यादव, बालचन्द्र त्यागी, डा0 आजाद नोमानी, अमित त्रिपाठी, विनोद सिंह, संजय राय, रंजीत राय, प्रवीण राय सहित अन्य पत्रकारगण उपस्थित रहे।
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