शाहरुख़ खान
लखनऊ- गुजरात में ‘स्टेच्यू अॉफ यूनिटी’ के अनावरण के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा सरकार के समय बने स्मारकों को ‘फिजूलखर्ची’ बताने के लिए भाजपा और आरएसएस को बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
मायावती ने कहा, ‘वैसे तो पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन व खान-पान में पूर्ण रूप से भारतीयता व भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे। लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति के नज़दीक होने के बजाय स्टेच्यू आफ यूनिटी जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है, यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।’
मायावती ने कहा कि पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि आम्बेडकर की तरह पटेल एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था लेकिन भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है ।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की जनता यह भी नहीं समझ पा रही कि भाजपा को यदि वाकई पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता तो गुजरात में अपने लम्बे शासन के दौरान उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नहीं बनायी।
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