अनीला आज़मी
नई दिल्ली (डेस्क). देश की राजधानी एक बार फिर प्रदुषण के मार से बेहाल नज़र आ रही है। सांसो के मरीजों की तयादात दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है। दिल्ली में एयर क्वालिटी पहली बार मंगलवार को ‘गंभीर स्तर’ (सिवियर लेवेल) पर पहुंच गई। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के कारण प्रदूषण बढ़ गया है और दिल्ली गैस चैंबर बन गई है। इसके साथ ही राजधानी के लोगों को सलाह दी गई है कि वे पूजा-पाठ में इस्तेमाल की जाने वाली धूप-अगरबत्ती और मोमबत्ती भी न जलाएं।
प्राइवेट गाड़ियों लग सकता है बैन
बीते कुछ दिनों से तमाम वैज्ञानिक पैमाने दिखा रहे हैं कि हवा भयंकर रूप से जहरीली हो गई है। ये हाल तब है जब दिवाली नहीं आई है। केंद्र संचालित ‘सिस्टम आफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ (एसएएफएआर) ने वायु गुणवत्ता में आई इस गिरावट के लिए पिछले 24 घंटे में काफी मात्रा में पराली जलाने और हवा के ठहरे रहने को जिम्मेदार ठहराया है।
एसएएफएआर के अधिकारियों ने कहा कि वायु में पीएम 2।5 से करीब 28 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने जैसे क्षेत्रीय कारकों के चलते हुआ है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी है।
क्या है सलाह
एसएएफएआर ने एडवाइजरी जारी करके दिल्लीवासियों से कहा है कि बचाव के लिए वे सिर्फ धूल से बचाव वाले मास्क पर ही निर्भर नहीं रहें, बाकी उपायों पर भी गौर करें।
कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें, अगर एयर कंडीशनर (AC) में ताजा हवा की सुविधा है, तो उसे बंद कर दीजिए और कोई भी चीज जलाने से बचें, जिसमें लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी शामिल है। एडवाइजरी में समय-समय पर गीला पोंछा लगाने और बाहर जाने पर एन।। 95 या पी।।100 मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया है।
आप पास के इलाको में भी खतरा
हवा में घुले जहर से सिर्फ दिल्ली का दम नहीं घुट रहा, आसपास के शहरों की आबो-हवा भी बेहद खराब है। अच्छी सेहत के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम होना चाहिए। लेकिन गाजियाबाद का AQ 430 पहुंच चुका है। नोएडा का AQ 374, ग्रेटर नोएडा का AQ 385, गुरुग्राम का AQ 389 तक पहुंच चुका है। हालात सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बिगड़े हैं। कानपुर में तो AQ 422 को छू रहा है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा है कि वह निजी गाड़ियों पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा, ‘1 नवंबर से हमारा ग्रेडेड एक्शन रेस्पॉन्स प्लान लागू किया जाएगा। इसकी उम्मीद की जाये कि दिल्ली में प्रदूषण की हालत और ज्यादा खराब न हो अन्यथा हमें निजी गाड़ियों के चलने पर रोक लगानी होगी।’
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