Categories: National

देखे मौके की तस्वीरें जो काफी विभत्स है, पंजाब में ट्रेन की चपेट में आने से 60 से अधिक की मौत।

अनिला आज़मी/अनुपम राज

डेस्क. नई दिल्ली। देश एक तरफ जहां विजय दशमी की खुशियां मना रहा है वही पंजाब आज देश के इस वर्ष के सबसे बड़े ट्रैन हादसे का गवाह बन आंसू बहा रहा है। आज जिस समय रावण दहन हो रहा था उसी समय ट्रैक पर खड़े लोगो को पटाखों की आवाज़ के बीच आई मौत बनकर ट्रैन ने सैकड़ो को अपनी चपेट में ले लिया। इस दुर्घटना में लगभग 60 से आदिम के मौत होने और 50 के लगभग लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती है। घायलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

घटना के संबंध में प्राप्त समाचार के अनुसार ट्रैक के पास रावण दहन हो रहा था जिसको देखने हेतु काफी संख्या में लोग एकत्रित थे जो रेलवे पटरी पर खड़े थे। खबरिया चैनलों की तफ्तीश के दौरान जानकारी मिली कि अप ट्रैन के आने से एक पटरी से लोग डाउन पटरी पर आ गये। इसी दौरान पटाखों की आवाज़ों के बीच डाउन ट्रैन के आने की आवाज़ जनता को सुनाई नही दी और डाउन ट्रैन ने अपने चपेट में ले लिया। हादसा लगभग 7-7:30 के बीच हुआ है। जिस ट्रैन से दुर्घटना हुई है वह डीएमयू ट्रैन बताई गई है।

दशहरा के दिन पंजाब के अमृतसर में बडा ट्रेन हादसा हो गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रैक के समीप दशहरा पर्व के दौरान रावण दहन हो रहा था तभी ट्रैक पर खडें लोंगो को कुचलती हुई तेज गति से ट्रेन गुजर गयी। इस हादसे में लगभग अभी तक 50 लोंगो की मौत की खबर है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है। सरकार ने जांच के साथ मृतक परिवार को 5-5 लाख रूपये देने की घोषणा की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना चैड़ा बाजार के समीप हुई जब ट्रैक के पास रावण का पुतला दहन किया जा रहा था। रावण का पुतला दहन हो रहा था, भारी भीड के चलते लोग ट्रैक पर भी खडे थे तभी को देखने के लिए सैकड़ों की भीड़ ट्रैक के पास जमा थी। तभी इसी दौरान पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन ट्रैक पर आ गयी और खडे लोगांे को कुचलती निकल गयी। बताया जाता है कि इस दौरान तेज पटाखों के वजह से जहंा लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनायी दी और नहीं ट्रेन ने भी अपनी स्पीड कम की जिससे तेज गति से ट्रेन लोंगो को कुचलती हुई निकल गयी। चश्मदीदों के मुताबिक यह सख्ंया और बढ सकती है।

सबसे रोचक बात यह है कि उक्त रावण दहन के कार्यक्रम में अमृतसर के सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू में भी मौजूद थीं लेकिन ऐसे समय में पुलिस व प्रशासन ने इस मामले में थोडी भी एतिहात बरती होती तो इस हादसा नहीं होता। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है। अंघेरा होने के वजह से लोग अपने-अपने परिजनों को खोजते हुए रो बिलख रहे थे।

pnn24.in

Recent Posts

असम के खदान में फंसे मजदूरों में एक और मजदूर का शव बरामद, जारी है रेस्क्यू आपरेशन

आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…

3 hours ago

बोले संजय राउत ‘इंडिया गठबन्ध को बचाने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस की है’

सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…

3 hours ago

शम्भू बॉर्डर पर धरनारत किसान ने सल्फाश खाकर किया आत्महत्या

तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…

24 hours ago

वर्ष 1978 में हुवे संभल दंगे की नए सिरे से होगी अब जांच, जाने क्या हुआ था वर्ष 1978 में और कौन था उस वक्त सरकार में

संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…

1 day ago