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जाने कानपुर का कौन है वह अंडा रोल वाला जिसका काफी क्लोज़ कनेशन है रईस बनारसी से. कानपुर पुलिस हो रही है या कर रही गुमराह

तारिक आज़मी.

वाराणसी/कानपुर. रईस बनारसी को अज्ञात मौत मरे हुवे महीना होने वाला है. वाराणसी पुलिस की विवेचना अपने चरम पर पहुच चुकी है और कही न कही से कानपूर और बनारस में रईस के गुर्गो में खलबली भी मच गई है. इस खलबली के तहत सब अपने अपने जुगाड़ में लगे है. कानपुर के दो रईस के सबसे करीबी गुर्गे जिसकी संभावना पूरी है कि अब गैंग का सञ्चालन वही करेगे शहर से लापता है. शहर में रईस के अन्य साथी उनको पल पल की खबरे उपलब्ध करवा रहे है.

आइये आज आपको खौफ का दूसरा नाम बनकर उभरा रईस बनारसी के एक साथी की कुंडली बताता हु और बताता हु कि इतना करीबी होने के बाद भी कैसे वह पुलिस के आँखों में धुल झोकता रहा. इसको जानने के पहले आपको कानपुर के अपराध जगत के कुछ शब्दों से अवगत करवा देता हु जिसको जान कर आप अचम्भे में पड़ जायेगे.

कुछ शब्द जो कानपुर के अपराध जगत में प्रयोग होता है हम उन शब्दों का प्रयोग करेगे. इसको समझने के लिये शब्द जिनका प्रयोग इस लेख में किया जाना है उनके अर्थो के साथ कुछ इस प्रकार है –

परदेसी – रईस बनारसी

काम मिला – सुपारी मिली

काम बजा दिया – मार दिया या सुपारी पूरी कर दिया

पर्ची थमाना – अवैध वसूली की मांग करना

पर्ची कट जाना – वसूली नहीं होना

पर्ची कैश हो जाना – वसूली हो जाना

बाजा – तमंचा

कैसेट – पिस्टल

पटाखा – देसी बम 

टेलिविज़न – (सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसका अर्थ गोपनीय रखा गया है)

गर्म गोदाम – कालगर्ल

गर्म गोदाम की दुकान – कालगर्ल सप्लायर

पप्पू – चेला चाय पान लाने वाला, गर्म गोदाम की व्यवस्था करने वाला

मुन्ना – गुर्गा

बाबु – खास गुर्गा

पिक्चर ख़त्म – जान से मार देना

लकड़ी होना – मुसीबत आना/मुश्किल को दावत देना

काम 35 – काम ख़त्म होना

तगड़े वाले – मजबूत सम्बन्ध

इन सब शब्दों के प्रयोग करके अपराधी कानपुर में अपने काम चलाते है. आज आपको उस घटना के सम्बन्ध में बताते है जिसकी जानकारी पुलिस तक तो पहुची मगर उसको बाद में दबा दिया गया. सूत्रों की माने तो इस घटना को दबाने में कही न कही विभाग के लोगो का हाथ ही रहा और आज एक बार फिर वही हाथ रईस के गुर्गो के ऊपर नज़र आ रहा है

बेकरी व्यवसाई के यहाँ रईस के साथ कौन गया था वसूली करने (पीड़ित का बयान सुरक्षित है)

आज से लगभग एक वर्ष पहले 29 सितम्बर 2017 यानि मुहर्रम की 8 तारिख को इस्लाम धर्म के मानने वाले गम मना रहे थे उसी दिन रात लगभग 9 बजे रईस अपने एक अन्य गुर्गे के साथ थाना बेकनगंज क्षेत्र स्थित कबाड़ी मार्किट हिरामंपुरवा स्थित यार अली बेकरी पंहुचा (हम आपको पूरी घटना बताने से पहले यह बताते चले कि हम यहाँ जिस घटना के सम्बन्ध में आपको बता रहे है उस सम्बन्ध में हमारे पास अपने शब्दों को सही साबित करने के लिये पर्याप्त आधार है). कबाड़ी मार्केट हिरामनपुरवा स्थित यार अली बेकरी एक मशहूर बेकरी है. इस बेकरी के संचालक के सामने रईस और उसके साथ गये युवक ने “कैसेट” रखते हुवे 2 लाख की पर्ची थमा दिया और धमकी देकर वापस आ गये.

घटना के बाद बेकरी संचालक भी अपनी जान पर खेल गया और पुलिस को सुचना प्रदान किया. बेकरी संचालक दोनों को पहचानता था और दोनों के नाम पुलिस को बताये. इसके बाद रईस के साथ गये दुसरे युवक जो इसी क्षेत्र के रजबी रोड निवासी अंडा रोल का दुकानदार शब्लू अंडा रोल था को इसकी जानकारी मिली. ताकत के नशे में चूर होकर शब्लू अंडा रोल रईस को लेकर दुबार लगभग एक सप्ताह बाद इसी बेकरी पर जाता है और 2 लाख की पर्ची का तकाजा सामने कैसेट रखकर करता है. इस बार बेकरी संचालक यार अली जज्बे से भर कर जोर जोर से चिल्लाने लगता है जिससे दोनों वहा से भाग जाते है. घटना के बाद पुलिस को सूचित किया जाता है और पुलिस मौके पर आती है. इसके बाद शब्लू अंडा रोल का ताकत का नशा काफूर हो जाता है और अपने बाप, चाचा के साथ एक एसटीएग के एसआई (जिसके नाम के सम्बन्ध में हमारी तफ्तीश जारी है) और क्षेत्र के एक बाहुबली पुराने कुख्यात गूंगे उस्ताद (इस गूंगे उस्ताद पर गोकशी के कई मामले दर्ज होने की अपुष्ट सुचना मिल रही है) बेकरी संचालक यार अली से मिलते है. यार अली पर क्षेत्र के ये लोग दबाव डालते है कि पुलिस को लिखित शिकायत न करो, मगर यार अली अपनी जिद पर अड़े रहे और पुलिस शिकायत के लिये पीछे नहीं हट रहे थे. सब मिला कर रईस के साथ गये अंडा रोल की दी हुई पर्ची फट रही थी साथ में एक लकड़ी अलग हो रही थी. अंततः शिब्लू अंडा रोल के बाप और चाचा ने काफी मिन्नतें किया, जानकार बताते है कि यार अली के कदमो में ये लोग बैठ गये तब जाकर यार अली ने सिर्फ रईस के नाम से लिखित शिकायत किया था. इस सम्बन्ध में यार अली का आज भी कहना है कि हराम का पैसा शिब्लू अंडा रोल को एक नही देने वाला हु भले मेरी जान चली जाये. (पीड़ित का बयान उपलब्ध है साहब)

नौशाद कालिया के हत्या में घर पर लगी थी नोटिस

शिब्लू अंडा रोल के सम्बन्ध पुलिस विभाग में लोगो से तगड़े वाले है. नौशाद कालिया हत्याकांड में इसका नाम जोरो से आया था. उस दौरान शिब्लू अंडा रोल शहर से फरारी पर था. पुलिस का शिकंजा काफी कसता जा रहा था. सूत्रों और क्षेत्र के आम नागरिको की माने तो इस हत्याकांड में इसके घर पर नोटिस भी चस्पा हो चुकी थी. मगर साहब मानना पड़ेगा इसकी पकड़ को कि नोटिस चस्पा होने के बाद अचानक ही यह शहर में आकर खुल्लम खुल्ला घूमना शुरू कर देता है और पुलिस इसका कुछ नहीं करती है. नौशाद हत्या कांड में शानू ओलंगा की गिरफ़्तारी करके अन्य नामज़द को गिरफ्तार कर लिया गया मगर शिब्लू अंडा रोल के ऊपर कार्यवाही के नाम पर केवल एक घर पर नोटिस का चस्पा होना तक रहा, इसके अलावा इसने उस हत्याकाण्ड में शामिल कुछ और लोगो का नाम हटवाया और रईस से हाथ मिला लिया. सूत्र बताते है की शोएब राजा को इसी ने उपलब्ध करवाया था. क्योकि घटना के कुछ मिनट पहले शोएब रजा को इसके साथ देखा गया था. क्षेत्र के चर्चाओ को ध्यान दे तो आज भी इसकी दूकान पर कई नामी हस्तिया बैठती है. अपने समय में शानू बॉस और शानू ओलंगा इस दूकान पर अपनी अड़ी लगाते थे. रजबी रोड की रौनक के बीच इस दूकान द्वारा अपना काला साया भी बिखेरा जाता रहा है.

खुद कहता है कि रईस से सम्बन्ध है (विडियो उपलब्ध है साहब)

शिब्लू अंडा रोल ने अपने एक रिश्ते के भाई रियाज़ को धमकी कहलवाई थी. इस सम्बन्ध में थाना बेकनगंज में अपराध भी पंजीकृत है. इसने रियाज़ जो पेशे से एक पत्रकार भी है को एक नहीं कई बार धमकी कहलवाया था. धमकी का कारण करोडो की वक्फ संपत्ति पर कब्जेदारी रही है. इसने पहली धमकी उस समय कहलवाया था जब रईस बनारसी ज़िदा था. सितम्बर के 8 तारिख को इसने क्षेत्र के एक युवक से जो कुछ धमकी के सम्बन्ध में कहा वह कुछ इस प्रकार था कि “परदेसी (रईस) से हमारे कैसे सम्बन्ध है सब जानते है, एक बार कहना है, उसका तो जानते हो, कैसेट निकलेगी और काम 35”. शिब्लू अंडा रोल का यह वीडियो कुछ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. हमारे पास उक्त वीडियो आज भी उपलब्ध है.

रईस के मरने के बाद पीड़ित पक्ष रियाज़ के द्वारा इस सम्बन्ध में हिम्मत जुटा कर शिब्लू अंडा रोल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाया है, जिसमे जानकारी के अनुसार विवेचक ने चार्जशीट भी लगा दिया है. पीड़ित युवक एक पत्रकार भी है और लखनऊ से प्रकाशित एक सम्मानित समाचार पत्र का प्रतिनिधि है. सबसे अचम्भे की बात यह है कि शिब्लू अंडा रोल के खिलाफ लगी इस चार्जशीट की फाइल अभी क्षेत्राधिकारी के दफ्तर में साहब के टेबल पर धुल खा रही है. वही शिब्लू अंडा रोल अपने तगड़े वाले सम्बन्ध क्षेत्राधिकारी सीसामऊ और थाना प्रभारी चमनगंज से होने के दावे करता है. उसके अनुसार विद्यासागर (थाना चमनगंज प्रभारी) अपना बढ़िया वाला भाई है.

चमनगंज थाना प्रभारी भी दे रहे है वाराणसी पुलिस के लिए शब्लू अंडारोल को क्लीनचिट

चमनगंज थाना प्रभारी भले अपने क्षेत्र के अपराध जगत पर नियंत्रण न कर सके और उनके क्षेत्र में रईस अपने जीवन काल में खूब टहला घुमा हो मगर शायद दुसरे को क्लीनचिट देने में मास्टर डिग्री है साहब को. सूत्र बताते है कि थाना प्रभारी महोदय ने भी आज दिनांक 12 अक्टूबर को वाराणसी के चौक थाना पुलिस को फोन किया और शिब्लू अंडा रोल के सम्बन्ध में बताया कि वह बहुत शरीफ आदमी है. विभागीय सूत्रों द्वारा प्रदान दावे की माने तो कानपुर पुलिस इस बात की पुष्टि थाना प्रभारी के दोनों नम्बरों (सीयूजी और व्यक्तिगत) के सीडीआर से कर सकती है. यही नहीं शिब्लू के सम्बन्ध में थाना प्रभारी के अलावा सीसामऊ के क्षेत्राधिकारी का भी चौक वाराणसी थाने पर फ़ोन आने की सुगबुगाहट मिल रही है.

खैर जो भी हो, थाना प्रभारी महोदय शायद एक बात भूल रहे है कि जिस शब्लू अंडा रोल को शरीफ आदमी बता रहे है और दुसरे शब्लू (शब्लू बिल्डर जो अपराध जगत से बिल्डिंग लाइन में आ चूका है) के शब्लू होने की बात कह रहे है तो पहले उक्त शब्लू के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी जो सूत्रों से मिली है उसको बता दे कि सूत्र बताते है कि शब्लू बिल्डर को भी रईस ने पिछले जुलाई में पर्ची थमा दिया था. अब ये पर्ची कितने की थी और क्या पर्ची कैश हुई या फिर पर्ची कट गई इसकी कोई ठोस जानकारी तो नही है

अब रही थाना प्रभारी चमनगंज के द्वारा शब्लू अंडा रोल के शराफत वाले बात की तो साहब आपके यहाँ शरीफ आदमी क्या अवैध वसूली की पर्ची मागता है ? हमारे यहाँ तो उसको अपराधी कहते है. शायद हो सकता हो कि वहा पर्ची थमाने वाले को शरीफ कहते हो, वैसे साहब शिकायतकर्ता का बयान हमारे पास उपलब्ध है. क्या आपके यहाँ शरीफ आदमी अपने सम्बन्ध परदेसी (रईस) से बताता है ? भाई हमारे यहाँ तो ऐसे लोगो को अपराधियों का गुर्गा कहा जाता है. शरीफ आदमी का वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था हमारे पास उपलब्ध है. मगर आपका ये शरीफ आदमी जो आपके थाना क्षेत्र का भी नही है उसको आप आखिर प्रमाण पत्र क्यों दे रहे है ये समझ के बाहर है.

थाना प्रभारी साहब शायद आप भूल गये होंगे कि आपके इस शरीफ आदमी का परदेसी (रईस बनारसी) विदेशी हथियारों से लैस था ये बात हम नही कह रहे है बल्कि आपका विभाग कहता है. आपके द्वारा प्रमाण पत्र मिलने के बाद शिब्लू अंडा रोल भले शरीफ हो जाये मगर आप भी जानते है कि यार अली बेकरी वाला झूठ नहीं बोल रहा है. आपका शरीफ आदमी बहुत शरीफ है साहब. अगर शराफत इसको कहते है तो वाकई साहब और भी कई शरीफ आदमी को आप जानते होंगे. वैसे साहब आप प्रमाण पत्र दे रहे है तो ज़रूर शरीफ होगा वैसे आपके इस शरीफ आदमी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने वाले पत्रकार का भी मालूम कर ले साहब कि वो जिसने इस शरीफ इंसान के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाया है वो कहा है. हमारे सूत्र बताते है साहब की वह दो दिनों से परिवार सहित कानपुर में नहीं है.

जारी – भाग 2, प्रतीक्षा करे और जुड़े रहे हमारे साथ, हम बतायेगे क्षेत्र के चर्चाओ का बाज़ार.

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