अंजनी राय
डेस्क. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि शब्दकोष से नए-नए शब्दों की खोज में भाजपा नेताओं का कोई जवाब नहीं। सदियों से लोग ‘कुंभ‘ और ‘अर्धकुंभ’ से परिचित थे। भाजपा सरकारों ने इस वर्ष इलाहाबाद में पड़ने वाले अर्धकुंभ को कुंभ प्रचारित कर दिया।
किसान अभी तक गोष्ठियों, सेमिनारों और सम्मेलनों में भागीदारी करते थे। भाजपा सरकार ने इस वर्ष ‘कृषि कुंभ‘ ईजाद कर दिया। अभी पता नहीं भाजपा और कितने कुंभ बनाएगी। अखिलेश ने शनिवार को एक बयान में कहा कि भाजपा को सारे संसाधन चूंकि पूंजीघरानों से ही मिलते हैं इसलिए उनके हितों का पोषण-संरक्षण उसकी प्राथमिकता में रहता है। किसान अपनी कर्जमाफी के लिए आज भी आंदोलित है, बैंक उनसे वसूली करने लगे हैं।
फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को नहीं मिल रहा है। इस सबसे परेशान 50 हजार से ज्यादा किसान भाजपा राज में आत्महत्या कर चुके हैं। आलू किसानों को घोषित समर्थन मूल्य का अता-पता नहीं। गन्ना किसानों का दस हजार करोड़ रुपया गन्ना मूल्य अभी भी बकाया है जबकि चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारम्भ होने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की उल्टी-सीधी हरकतों के कारण ही प्रदेश शीर्ष आसन में ट्रोल कर गया है।
राज्य की भाजपा सरकार ने 20 माह से कम समय में उत्तर प्रदेश को विकास में 20 वर्ष पीछे ढकेल दिया है। प्रदेश को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने का श्रेय भाजपा को ही जाएगा
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