कमलेश कुमार
अदरी(मऊ)छठ पूजा करने के लिए बॉस की बनी दउरी व सुपली का होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है लेकिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हमारे छठ त्यौहारों पर भी असर दिखाने लगी है। जिस प्रकार गावो में बांसों की कमी हो रही है। उससे लोगो में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि उनके कटने की रफ़्तार यही रही तो सुपली दउरी कैसे तैयार होंगे ।
छठ में पूजा की सामाग्री व पकवान आदि ले जाने के लिए बांस के दउरी का इस्तेमाल होता है। साथ ही सुपली में फल नारियल पकवान आदि रखकर सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है। आज की समय में यह है कि बांसों की कमी से दउरी सुपली मंहगे हो गये है। स्थानीय गांव नवपुरा में दउरी सुपली बनाने वाले बहादुर के अनुसार एक बाँस 300 से 350 रुपये में आता है। इसमें चार पांच दउरी ही तैयार हो पाते है। ऐसे में बॉस की कीमत की बढ़ोत्तरी ज्यादा हो गया है।ऊपर से पूरा परिवार पूरे दिन इसी काम में लगा रहता है। सो उनकी मजदूरी भी जोड़ दे तो एक दउरी की कीमत 100 रुपये पहुच जाती है। फिलहाल 80 से 100 रुपये तक में दउरी बिक रहा है। बांस की कमी के चलते सुपली की कीमतों भी आसमान छू रही है।
तारिक आज़मी वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने साफ़ साफ़ हुक्म जारी किया था कि शहर…
फारुख हुसैन डेस्क: असम-मणिपुर सीमा के निकट जिरी नदी में शुक्रवार को एक महिला और…
ए0 जावेद वाराणसी: गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने…
ईदुल अमीन डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। इसे लेकर…
मो0 शरीफ डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के…