तारिक खान
प्रयागराज : दिल्ली की तिहाड़ जेल की तरह तो नहीं लेकिन कुछ ‘सुविधाएं’ जरूर ऐसी हैं, जो नैनी जेल के बंदियों को भी मिलती हैं। कुख्यात अपराधी लचर व्यवस्था का फायदा उठाकर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं कद्दावर बंदी भी मनमाफिक सुविधा का लाभ लेते हैं।
जेलों में समांतर व्यवस्था चलने की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद नैनी जेल में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उनके बैरकों की जांच की जा रही है। सूत्रों का दावा है कि चेकिंग के बावजूद कुछ शातिर अपराधी चोरी-छिपे मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ बंदियों के लिए बाहर से खाना आता है और कुछ मनपसंद वस्तु भी जेल के बाहर से मंगवाते हैं। हालांकि नैनी जेल में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है। करीब दो साल पहले पुलिस को जांच में भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के बैरक से म्यूजिक सिस्टम समेत कई वस्तुएं मिली थीं। आपत्तिजनक वस्तु मिलने के बाद ही उदयभान और उनके भाइयों को दूसरे जिले की जेल में भेजा गया था। वहीं, कई बड़ी घटनाओं में नैनी जेल के भीतर प्लानिंग करने व हत्या की सुपारी देने का मामला भी सामने आ चुका है।
जेल में 4जी मोबाइल का अधिक होता है प्रयोग :
स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस सूत्रों का कहना है कि नैनी जेल के भीतर 4जी मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा होता है, क्योंकि इस पर रोक के लिए व्यवस्था नहीं है। इसी का फायदा उठाकर तमाम कैदी व अपराधी अपने करीबियों से बातचीत करते हैं। डीआइजी जेल बीआर वर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि जेल में 4जी की कॉल रोकने के लिए व्यवस्था नहीं हो सकी है। कैदियों की जांच की जाती है और प्रतिबंधित वस्तुओं का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई भी की जाती है।
अनिल कुमार डेस्क: अदालत ने प्रशांत किशोर को बिना शर्त जमानत दे दिया है। प्रशांत…
ईदुल अमीन डेस्क: छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित बीजापुर के कुटरू बेंद्रे मार्ग पर संदिग्ध माओवादियों…
आफताब फारुकी डेस्क: बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी के कथित आपत्तिजनक बयान पर सवाल पूछने पर…
अनिल कुमार डेस्क: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने ज़मानत लेने से इनकार…
मो0 कुमेल डेस्क: सोमवार को तमिलनाडु विधानसभा सत्र शुरू होते ही राज्यपाल और सत्ता पक्ष…
सबा अंसारी डेस्क: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य अभियुक्त सुरेश चंद्राकर को छत्तीसगढ़…