अजीम कुरैशी
नूरपुर । मदरसा मैराजुल उलूम मे आयोजित कार्यक्रम मे अल्लामा इकबाल उर्दू दिवस के रूप मे मनाया गया इस अवसर पर मदरसे के प्रधानध्यापक शाकिर सिद्दीकी ताजपुरी ने बताया की अल्लामा इकबाल केवल एक शायर नही थे बल्कि वह एक महान दार्शनिक भी थे उन्नेहो अपनी शायरी के द्वारा अवाम मे जागरूकता पैदा की ओर घरो के अंदर उर्दू का महोल पैदा किया शाकिर सिद्दीकी ने कहा की उर्दू के विकास के लिए आवश्यक है कि स्कूल व मदरसो के अलावा घरों मे भी उर्दू का महोल पैदा करें ओर छात्र छात्राओं को उर्दू सिखाने के प्रति प्रेरित करें कार्यक्रम मे मदरसे के संस्थापक मोलाना वहाजुद्दीन आजमी ने कहा कि आल्लामा इकबाल द्वारा रचित तराना” सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” आज भी रोंगटे खड़े कर देता हे ओर गर्व से सीना फूल जाता हे उनहोने कहा कि उर्दू भाषा को किसी धर्म विशेष से जोड़कर नही देखा जाना चाहिए क्योंकि यह भाषा इसी देश मे पैदा हुई हे ओर यहीं पली बढ़ी हे उनहोने कहा कि उर्दू की अहमियत से अपने आस पास व निकट के लोगों को भी अवगत कराएँ मुख्य अतिथि के रूप मे मरकजी उलेमा काउंसिल के जिला महा सचिव अकबर नबी ने कार्यक्रम में कहा की कोई भी सभ्यता उस वक्त तक जीवित रह सकती जब तक उस सभ्यता के लोग अपनी भाषा को सुरक्षित रख सकें उनहोने कहा की उर्दू भाषा अनेक भाषाओं को लेकर बनी ओर इसने अनेक भाषाओं को भी शब्द पर्दान किए उनहोने कहा कि आज फिर से विज्ञान की पुस्तकों का उर्दू मे अनुदान होना आवश्यक है ताके लोगों मे सोच व चिंतन पैदा हो सके ओर आखिर मे प्रधानध्यापक शाकिर सिद्दीकी ने बताया कि उर्दू दिवस के अवसर पर स्कूल कॉलेज एव मदरसों मे बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए इस अवसर पर कार्यक्रम मे मदरसा संस्थापक मोलाना वहाजुद्दीन आजमी, मरकजी उलेमा काउंसिल के जिला महासचिव अकबर नबी इदरीसी, प्रधानध्यापक शाकिर सिद्दीकी, हाफिज इलियास, मोलाना रियासत अली,रफीक अहमद,इमरान मैराजी, इरफान अंसारी, हाजी अजीमुद्दीन आफताब राजू, मुबारिक हुसैन, नशेद अख्तर राशिद मंसूरी आदी उपस्थित रहे
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