आफताब फारुकी
लंदन: शायद इसको रोहिग्या मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म और उनके सब्र का फल ही कहा जायेगा कि आग सु ची को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अब विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस क्रम में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को आंग सान सू ची से अपना सर्वोच्च सम्मान रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ म्यांमार की सेना द्वारा किए गए अत्याचारों पर उनकी ‘‘उदासीनता” को लेकर वापस ले लिया. लंदन स्थित वैश्विक मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि वह सू ची को दिया गया ‘‘ऐम्बैसडर आफ कॉन्शन्स अवार्ड” वापस ले रहा है जो उसने उन्हें 2009 में उस समय दिया था जब वह घर में नजरबंद थीं.
समूह द्वारा जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल प्रमुख कूमी नायडू द्वारा लिखे खत में कहा गया है, ‘‘आज हम अत्यंत निराश हैं कि आप अब आशा, साहस और मानवाधिकारों की रक्षा की प्रतीक नहीं हैं.”समूह ने कहा कि उसने अपने फैसले के बारे में सू ची को रविवार को ही सूचित कर दिया था. उन्होंने इस बारे में अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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