फारूख हुसैन
पलिया कला खीरी ।दुधवा टाइगर रिजर्व के कपाट खुलते ही पर्यटकों का उत्साह देखते बनता है उद्यान में पहले दिन पर्यटक को दुधवा टाइगर रिजर्व में भ्रमण करने का मौका मिला जहां उन्हें विभिन्न प्रकार के पंछियों वन्यजीवों और विभिन्न प्रकार के दुर्लभ वनस्पति देखने को मिले देखा जाए तो दुधवा टाइगर रिजर्व में जिस तरह से सुंदरता की बात होती है तो उसमें कोई दोहराय नहीं की हकीकत ना हो जी हां दुधवा टाइगर रिजर्व में विभिन्न प्रजातियां के पंछियों के दर्शन भी करने को मिलते हैं जिनकी कलरव अनायास ही हमारे मन को अभिभूत कर जाती है और साथ ही उद्यान में मौजूद विभिन्न प्रकार के वृक्ष झाड़ियां और बेल भी हमें आकर्षित करती हैं क्योंकि यहां कई प्रकार के वृक्ष, झाड़ियां और बेल लताओं से पूरी तरह से उद्यान की सुंदरता बिखेर रहे हैं । दुधवा के अलौकिक वातावरण और यहां पाए जाने वाले रंग बिरंगे परिंदे भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।दुधवा टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के साथ साथ यहां पक्षियों की करीब 450 प्रजातियां भी पाई जाती हैं और साथ ही उद्यान वनस्पति रूप से भी काफी परिपूर्ण है यहां दुर्लभ वृक्ष, झाड़ियां, लताएं भी पर्यटकों को देखने को मिलती हैं। वैसे जानकारी देने के लिए आपको यह भी बता दें कि यहां जो भी वनस्पति पाई जाती है उसमें विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां भी शामिल है जिनसे विभिन्न प्रकार के शरीर के रोगों को दूर किया जा सकता है जिनका उपयोग हमारे पूर्वज हमारे शरीर में होने वाले रोगों को दूर करने के लिए करते थे । परंतु समय बदला और हमारे वैज्ञानिक युग के चलते हम इन वनस्पति रूप औसधि से निरंतर दूर होते चले गए फिलहाल जो भी हो हमारा उद्यान में कुछ जानी कुछ अनजानी चीजों का भंडार है जो हमारे लिए उपयोगी है ।
गौरतलब है कि दुधवा टाइगर रिजर्व के कपाट खुलते ही पर्यटकों का उत्साह देखते हुए बनता है पहले दिन ही रियान में पर्यटकों की खासी भीड़ मौजूद रही और उन्होंने उद्यान के अंदर जाकर विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों वनस्पति और लुभाते पंछियों के दर्शन किए जानकारों के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले लगभग 1300 पक्षियों में, 450 से ज्यादा प्रजातियां अकेले दुधवा रिजर्व में देखी जा सकती हैं। इनमें हॉर्नबिल, रेड जंगल फ़ॉवल, पीटा फोवल, बंगाल फ्लोरिकन, मत्स्य पालन ईगल,फिसिग ईगल, ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल, लेसर फ्लोरीकन, बंगाल फ्लोरिकन, सर्प ईगल, ऑस्प्रे, स्वर्ग इंडियन पाइड हॉर्नबिल, लैगर फैल्कान ,फाउल, वुडपैकर्स, शामा, इंडियन पिटा, ओरिओल्स, एमेरल्ड कबव, स्पड विल्ड डक आदि शामिल हैं ।इसके साथ ही सर्दी के मौसम के दौरान, दुधवा नेशनल पार्क में विभिन्न प्रवासी पक्षियों को भी देखा जा सकता है। और इन पक्षियों की अगर बात की जाए तो यहां इन प्रजातियों को देखने के लिए दूरदराज से जो पर्यटक आते हैं। उनमें से कई ऐसे भी पहुंचते हैं जो इन पक्षियों के बारे में अध्ययन करते हैं तथा इनकी फोटो आदि खींचकर अपने कार्य को आगे बढ़ाते हैं। पर अफसोस कि यह भी बात है की हमारे आस पास के रहने वाले न जाने कितने पंछी हमारी बढ़ती आबादी और हमारे बढ़ते आधुनिकता के दौर के चलते कितनी ही प्रजाति पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है जिसमें खासकर हमारे शहरों और गांव को साफ करने वाले या ऐसे कहा जाए कि हमारे सफाई कर्मचारी गिद्ध पूरी तरह से विलुप्त हो चुके और इधर हमारी खुुश किस्मती है कि अभी हाल ही में गिद्धों का एक बड़ा झुंड देखने को मिला था और अगर हम बात करते हैं गौरैया की जिन को बचाने के लिए कई योजनाएं तैयार करने के बावजूद गौरैया का अस्तित्व खतरे में है ।जिनपर ध्यान देना बहुत ही जरूरी हो गया है और यदि हम वन्यजीवों की बात करें तो यहां बाघ, गैंडा, हाथी,पांच प्रजाति के हिरन ,नीय गाय ,भालू, के अलावा और भी कई वन्यजीव हैं जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व में आपको जानकारों के अनुसार 75 प्रजातियों के वृक्ष पाए जाते हैं। इन वृक्षों में वह सब चीजें आती हैं जिनसे एक परिपूर्ण जंगल की कल्पना की जा सकती है। इसके अलावा पार्क में 21 प्रकार की झाड़ियां, 17 प्रकार की बेल और लताओं के साथ 179 प्रकार के पानी वाले पौधे पाए जाते हैं। जिनको देखकर पर्यटक दुधवा के अलौकिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं। स्तनपायी और रेप्टाइल की अगर बात की जाए तो यहां पर इन दोनों की प्रजातियां काफी संख्या में हैं। दुधवा में स्तनपायी की जहां 14 प्रजातियां पाई जाती हैं वहीं रेप्टाइल भी 10 तरह के मिलते हैं। इसके अलावा दुधवा नेशनल पार्क में पक्षी, स्तनपायी व रेप्टाइल के अलावा यहां पर बाघ, गैंडा, हाथी, तेंदुआ, जंगल कैट, फिसिंग कैट, बारहसिंघा, चीतल, काकड़, सांभर, पाढ़ा, लंगूर, बंदर, भालू, जंगली सुअर, घड़ियाल, मगरमच्छ, नीलगाय आदि भी पाए जाते हैं। जो सैलानियों को खुद ब खुद आकर्षित करते हैं। और यही नहीं हमारे उद्यान में मगरमच्छ और विभिन्न प्रकार की मछलियां भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं आप दुधवा जाने वाली रोड पर नकउहा नाला से पहले एक तालाब पड़ता है जिसमें भारी संख्या में मगरमच्छों का जमावड़ा लगा रहता है। इस रोड से गुजरने वाले सैलानी मगरमच्छ को यूं देखकर अपने आप ही गाड़ी में ब्रेक लगा लेते हैं। इस तालाब में मगरमच्छ बाहर झाड़ियों में सर्दी के मौसम में धूप का आनंद लेते हुए दिखाई दे जाते हैं । जो पर्यटकों सहित हर आने जाने वाले को काफी आकर्षित करते हैं।
बाक्स
निश्चित ही मन को लुभा जाएंगे आपको कलरव करते पंछी
बीते वर्ष दुधवा टाइगर रिजर्व में पर्यटकों का सबसे अनोखा अनुभव विभिन्न प्रजातियों के पंछियों के दर्शन करना ही था । और उनकी जानकारी भी पर्यटकों ने एकत्रित की थी ।
हम इन पक्षियों की सुरक्षा के लिये लगातार प्रयासरत हैं हमारा प्रयास रहता है कि इन उद्यान में खुले आसमान में विचरण करते पंछियों को कोई नुकसान ना पहुंचा पाए इसके लिए हमने खास बंदोबस्त कर रखें हैं ।
डी डी महावीर कौजलगि
पलियाकलां (खीरी )स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 तथा स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा-2018 के क्रम में श्रेष्ठ रैंकिंग प्राप्त किये जाने के प्रयास मे नगर पालिका परिषद पलिया कलां (खीरी) के विभिन्न वार्डों मे स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति की विभिन्न बैठकें आयोजित कर जनसाधारण तक इस कार्यक्रम के विषय मे जानकारी दी गयी। आम नागरिको को स्वच्छता तथा स्वच्छ भारत मिशन से सम्बन्धित इस कार्यक्रमों हेतु जागरूक किया गया। पालिका के अधिशासी अधिकारी आर0 के0 भार्गव की अध्यक्षता मे आयोजित इस बैठक में नगर के वार्ड मो0 पठान-3, रंगरेजान-2, रंगरेजान-3, मो0 पठान-1, मो0 बाजार-1, मो0 किसान 1, मो0 काकूपुरियान, मो0 बरबण्डा, मो0 माहीगिरान-2 की स्वच्छ वातावरण समिति के पदाधिकारियों ने नगर के 4 विभिन्न स्थानों पर आयोजित बैठकों में आम जनमानस को अपने घर, आस-पास तथा गलियों को स्वच्छ रखने मे सहयोग प्रदान किये जाने की अपील की। बैठकों का आयोजन प्राइमरी स्कूल के निकट, पीपल मन्दिर के पास, मो0 बरबण्डा की मदीना मस्जिद के निकट तथा मो0 किसान 1 मे अर्जुनलाल वर्मा के घर के निकट किया गया। अपने उद्बोधन मे अधिशासी अधिकारी ने नागरिकों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करते हुये उनके घरों का कूड़ा डोर-टू-डोर कलेक्शन मे लगे पालिका कर्मचारियों को ही देने की बात कही। साथ ही उनके द्वारा विभिन्न वार्डों मे व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की स्थिति का भी जायजा लिया गया तथा विभिन्न वार्डवासियों से शौचालय निर्माण मे आ रही समस्याओं के बारे मे भी जानकारी ली गयी तथा आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु आश्वस्त किया। सोशल मीडिया के माध्यम से स्वच्छता गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु स्वच्छता मंच, स्वच्छता एप, फेसबुक आदि के माध्यम से किये जाने की बात पर भी बैठकों मे विचार किया गया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि जल्द ही नगर में विभिन्न वार्डों मे ट्विन डस्टबिन की रखवाये जायेंगे। बैठक को सम्बोधित करते सभासद मनोज गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता की जिम्मेदारी जितनी पालिका की है, उतनी ही पालिकावासियों की भी है। सभी को इस अभियान मे बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिये। सभासद सावित्री देवी ने बैठक मे अपने वार्डवासियों से अपील की कि वे सभी पालिका की सफाई व्यवस्था को आवश्यक सहयोग प्रदान करें जिससे नगर स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 मे अच्छी स्थिति प्राप्त कर सके। आयोजित बैठकों का संचालन अधिष्ठान लिपिक श्री विजय शंकर मिश्र ने किया। बैठकों मे सभासद नजर अहमद,रहीस अहमद, मनोज गुप्ता, कंचन शुक्ला, सावित्री देवी, मो0 उसमान, मोइनुद्दीन, एडवोकेट, मनोज कुमार राठौर, एड0 संजय राठौर, फैय्याज अली, अर्चना शुक्ला, श्याम स्वरूप अस्थाना, पालिका के लेखाकार शारदा प्रसाद, विजेन्द्र कुमार, मेलाराम, शिवसार्जन वर्मा, अंकुर सिंह, दिनेश सक्सेना, महेन्द्र सक्सेना, मो0 हुसैन, मो0 ताहिर, विनय, छोटेलाल, लव कुमार, प्रेमनारायण, अखिलेश तथा गणमान्य नागरिको ने सक्रियता सहित प्रतिभाग किया।
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