आफ़ताब फ़ारूक़ी
प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शाहजहांपुर के कटरा थाने में तैनात दारोगा विनीत मलिक को अवमानना का दोषी करार दिया है और एक हजार रूपये जुर्माने के साथ 15 दिन के कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने सजा के खिलाफ आरोपी दारोगा को अपील का समय देते हुए एक माह तक सजा के अमल को स्थगित रखा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अर्जुन सिंह मौर्या की अवमानना याचिका पर दिया है। याचीगण ने अपनी मर्जी से शादी की किन्तु लड़की के परिवार ने कटरा थाने में याची पर अपहरण करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी। जिस पर याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने याची को विवेचना में सहयोग करने का आदेश देते हुए पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और कहा विवेचना तीन माह में पूरी की जाए। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए विपक्षी दारोगा ने याची की गिरफ्तारी कर ली। आरोपी ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि वह चार साल से पुलिस सेवा में है, आदेश समझने में गलती हो गयी। भविष्य में ऐसी गलती नहीं दुहरायेगा। किन्तु कोर्ट ने कोर्ट आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने का दोषी माना और सजा पर सफाई रखने का मौका दिया। कोर्ट ने आरोपी की सफाई को संतोषजनक नहीं माना और जान बूझकर आदेश की अवहेलना का दोषी मानते हुए सजा सुनायी है।
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