संजय ठाकुर
देवरिया। रुद्रपुर एक कछार क्षेत्र है। वहा पर बाढ़ में भयावह स्थिति हो जाती है। लेकिन शासन और प्रशासन की स्थिति लापरवाही देखने को मिली है। यहा पर मरीज तो परेशान है। लेकिन कुछ लोगों का बल्ले-बल्ले है। जैसे पैथोलोज़ी और प्राइवेट हॉस्पिटल। यहा पर 50 हॉस्पिटल छोटे से बड़े है। उन हॉस्पिटल को आज सीज किया जाता है। वही हॉस्पिटल दूसरे दिन उसी समय खुल जाते है। खैर कोई बात नही ‘मालिक मेहरबान तो,,,,,पहलवान’ आखिर उनके पास रातो रात डिग्री कहा से मिल जाती है, जबकि सरकारी हॉस्पिटल में प्रतिदिन 600 से 700 मरीज डेली रुद्रपुर में देखे जाते है।
जबकि जिलाधिकारी महोदय काफी सक्रिय है, लेकिन अकेले वह कर क्या सकते है। छितोनी में मोहन मैडिकल सीज किया गया, लेकिन वह आज भी चल रहा है। चर्चो को आधार माने तो कई हॉस्पिटल सीएमओ कार्यालय ही चलाता है सीएमओ ऑफ़िस में 20 सालो से बड़े पदों पर तैनात यही देवरिया के लोग है उनका आज तक ट्रांसफर नही हुआ जबकि नियम क्या है ये शायद जिलाधिकारी महोदय भी जानते है और सीएमओ साहब भी। पैथोलोज़ी की बात करे तो किसी के पास डीएमएलटी और एमबीबीएस डॉक्टर नही है फ़िर भी वह धड़ल्ले से चला रहे है।
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