मो आफ़ताब फ़ारूक़ी
यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे को लेकर लंदन में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया। शनिवार को लाखों लोगों ने लंदन में यह रोष मार्च किया। पंजाब केसरी के अनुसार ब्रेक्जिट पर वार्ता के बीच इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन पहली बार हुआ है। प्रदर्शन के दौरान यूरोपीय यूनियन में बने रहने की मांग की गई। 2016 में ब्रेक्जिट पर हुए मतदान में 52 प्रतिशत लोगों ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने पर राय जताई थी।
प्रदर्शनकारी हाइड पार्क में एकत्रित हुए और वे डाउनिंग स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री आवास के सामने से गुजरते संसद तक गए। इस प्रदर्शन को ब्रिटिश प्रधानमंत्री थरेसा-मे सरकार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सन सन 2003 में इराक युद्ध में ब्रिटेन के शामिल होने के फैसले के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह हाल के दशकों में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन को मार्च 2019 को यूरोपीय संघ से निकलना है किंतु इस बारे में ब्रिटेन तथा यूरोपीय संघ के बीच एेसी सहमति नहीं बनी है कि यह काम किस प्रकार से होगा। ज्ञात रहे कि 28 यूरोपीय देशों का संगठन यूरोपीय यूनियन, दुनिया में व्यापार का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है।
आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…
आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…
तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…
फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…
अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शनिवार को फूलपुर में…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर और असम की सीमा के पास जिरी नदी में शुक्रवार को…