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दूसरे नामो से दाइश का गठन अमरीका की नई रणनीति

आफ़ताब फ़ारूक़ी

आतंकी गुट दाइश, जिसे अब भी अमरीका समेत कई देशों का समर्थन हासिल है, विभिन्न देशों में नए नए नाम से अपना अस्तित्व बचाए रखने की कोशिश कर रहा है।

इराक़ व सीरिया में दाइश को जो कड़े प्रहार सहन करने पड़े उनके कारण यह आतंकी गुट तबाह तो हो गया लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। वैसे तो यह गुट यह दर्शाने की कोशिश करता है कि इराक़ व सीरिया में उसका समय समाप्त हो चुका है लेकिन उसने वास्तव में धोखे की रणनीति अपनाई है और अब यह गुट इराक़ व सीरिया के कुछ अन्य क्षेत्रों पर नियंत्रण की कोशिश में है। इस बात को मिस्र के दारुल फ़त्वा या फ़त्वा विभाग से संबंधित एक विभाग द्वारा तकफ़ीरियों व चरमपंथियों के रवैये के संबंध में दी जाने वाली रिपोर्ट में देखा जा सकता है।

इस रिपोर्ट के अनुसार दाइश ने अन्य क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए पीछे हटने की रणनीति अपनाई है और वह अन्य क्षेत्रों में अपने तत्वों को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह आतंकी गुट इसी तरह अपने ढांचे में अधिक आतंकवादियों को शामिल करने की शैलियां अपना रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार सीरिया व इराक़ से भागने वाले दाइश के आतंकी कुछ देशों में अन्य आतंकवादी गुटों में शामिल हो गए हैं। उनकी कोशिश है कि दाइश जैसे ही अन्य संगठन बनाए जाएं ताकि उन सबको दाइश के झंडे तले लाया जा सके।

मिस्र के दारुल फ़त्वा के उक्त विभाग का कहना है अबू बक्र अलबग़दादी के आतंकी गुट की रणनीति यह है कि एक केंद्र पर एकत्रित न हुआ जाए। इस प्रकार इराक़ व सीरिया से फ़रार होने वाले आतंकियों ने अन्य क्षेत्रों में दाइश जैसे ही गुट बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में रायातुल बैज़ा, अंसारुल बुख़ारी, अंसारुल फ़ुरक़ान जैसे गुट बनाए गए हैं और ये छोटे स्तर पर दाइश का स्थान ले रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार दाइश अब संगठनात्मक ज़िम्मेदारियां, बड़े स्तर के सरग़नाओं के बजाए कम अनुभव वाले लोगों को दे रहा है। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि इस समय दाइश के बीच समय बहुत अधिक मतभेद पैदा हो चुके हैं।

दाइश ने इस दौरान इराक़ व सीरिया से फ़रार होने वाले अपने तत्वों को उसी पुरानी विचारधारा के साथ अन्य देशों में एकजुट करने में सफलता हासिल की है ताकि एक बार फिर लड़ाई के मैदान में उतर सके। हालांकि इस गुट पर घातक प्रहार लगे हैं लेकिन इसमें पाई जाने वाली लचक और अमरीका समेत अन्य देशों का व्यापक समर्थन इसके पुनः जीवित होने का कारण बना है। इस समय अमरीका दाइश की आर्थिक और ढांचागत मदद कर रहा है। इस प्रकार आतंकी गुट दाइश एक बार फिर दूसरे नामों और रूपों में सामने आ सकता है जिसके उदाहरण पिछले महीनों के दौरान क्षेत्रीय घटनाओं में सामने आ चुके हैं।

aftab farooqui

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