सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी 2 दिसंबर 2016 से धरनारत किसानों ने रविवार को मन्डोला पहुंच रहे क्षेत्रीय विधायक नन्द किशोर गुर्जर को काले झंडे दिखाकर विरोध किया और उनके काफिले का रास्ता भी रोकने का प्रयास किया। मौके पर एसडीएम सहित आला पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
बता दे कि किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में मन्डोला समेत 6 गांव के किसान 2 दिसम्बर 2016 से धरने पर बैठे है।लेकिन आज तक कई वार्ता हुई ,किसानों पर कई मुकदमे भी हुए ,लाठी चार्ज भी हुआ ,लेकिन कोई समाधान नही हुआ। किसानों का आरोप है कि 2 दिसम्बर 2016 को समाजवादी पार्टी की सरकार में भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर समेत इन्हीं बीजपी नेताओं ने आंदोलन की शुरुआत कराई थी और आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।
किसानों ने भरपूर वोट देकर बीजेपी की सरकार भी बनाई और नन्द किशोर गुर्जर को विधायक बनाया और जैसे ही सरकार बदली। इन प्रतिनिधियों ने किसानों का साथ देना बंदकर कर धीरे-धीरे किनारे होने लगे।किसानों में इस बात का बहुत दर्द है और अब किसान 2 साल से आंदोलन कर रहे हैं किसान और सरकार की बात सही दिशा में चल रही है तो यह लोग गांव के कुछ लोगों को बहका कर जो बीजेपी के कार्यकर्ता हैं भी और नहीं भी उनको भ्रमित कर कर अपना राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए नया गुट बनाकर मंडोला आ रहे थे।
आरोप है कि मंडोला समेत 6 गांव के किसानों को इस तरह के नेताओ का चाल चरित्र चेहरा सब पता चल चुका है। इसलिए आज मंडोला के अंदर 6 गांव के किसानों ने इनका भारी विरोध किया और काले झंडे भी दिखाए। विरोध को देखते हुए विधायक को बीच से जाना पड़ा।
किसानों का कहना है कि जो 2 साल से हमें धरने पर बैठाकर नेता चले गए और हमारी सुध तक नहीं ली। ऐसा प्रतिनिधि हमें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है , जो किसान के साथ छल करते है आज सरकार हमारी मुआवज़े की समस्या को लेकर पॉजिटिव है , तो यह नेता अपना राजनीतिक एजेंडा बनाने में लगे हैं। हमें ऐसे ही नेताओं की जरूरत नहीं है जिसके दिल मे किसान का दर्द नही। वही किसान मजदूरों ने उन लोगो का भी काफी त्रिस्कार किया जो लोग इनको लेकर आये थे।