Categories: NationalPolitics

कांग्रेस की दुविधा बनी संघ को लेकर किया गया वायदा

अनीला आज़मी

डेस्क (भोपाल) : मध्य प्रदेश के चुनाव से पहले उसकी दुविधा एक बार फिर सामने आ गई। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सरकारी भवनों के परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं लगाने पर रोक और सरकारी कर्मचारियों को शाखा में जाने की अनुमति रद्द करने का वादा किया, लेकिन भाजपा जैसे ही हमलावर हुई कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और सफाई देने में जुट गई।

बताते चले कि कांग्रेस पर हमेशा मुस्लिम परस्ती के आरोप लगते रहे है और कांग्रेस को तरह-तरह से सफाई देनी पड़ी है, अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर-मठों में जाने को लेकर विरोधी उन पर हमला कर रहे हैं। इन हमलों पर कांग्रेस सफाई भरे अंदाज में अपने तरह से जवाब देने में लगी हुई है। भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी उपलब्धियों से ज्यादा दिग्विजय सिंह के शासनकाल के हालातों को गिनाना शुरू कर दिया है और कांग्रेस उसका तार्किक जवाब देने की स्थिति में नहीं है।

कांग्रेस ने वचन-पत्र में संघ के लेकर आमजन से वादा करने पर पूरी भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। भाजपा के प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तरह-तरह के आरोप लगा डाले। संबित पात्रा ने संघ की शाखा को लेकर जाहिर की गई राय को राम मंदिर से जोड़ दिया और आरोप लगाया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं का सिर्फ एक ही एजेंडा है, मंदिर नहीं बनने देंगे और शाखा नहीं चलने देंगे। संबित पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस अयोध्या में मंदिर निर्माण के काम में भी रोड़े अटका रही है। सोनिया गांधी जहां राम को काल्पनिक किरदार बताती हैं, वहीं पार्टी के नेता और वकील कपिल सिब्बल इस मामले की सुनवाई टालने की बात करते हैं। भाजपा ने जहां आक्रामक तेवर अपनाए वहीं कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आनन-फानन में भाजपा के हमलों के बीच सफाई दे डाली।

उन्हें स्पष्टीकरण तक देना पड़ गया। उन्होंने कहा है कि घोषणापत्र में इस बात का उल्लेख है कि “शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाऐं लगाने पर प्रतिबंद्घ लगाएंगे तथा शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के शाखाओं में जाने संबंधी छूट के आदेश निरस्त करेंगे।” कमलनाथ ने घोषणापत्र में कही गई बात को संविधान के दायरे में होना बताया है। यह व्यवस्था वर्तमान में पूरे देश में लागू है और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बाबूलाल गौर की सरकार के समय भी लागू थी। राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास का कहना है कि भाजपा की राजनीतिक रणनीति हमेशा कांग्रेस की ही कही गई बातों को मुद्दा बनाने की रही है, वचन पत्र में संघ को लेकर कही गई बात का मुद्दा बनाकर भाजपा एक बार फिर राज्य में ध्रुवीकरण की चाल चलने की तैयारी कर रही है, जिसमें कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। भाजपा संघ को लेकर किए गए वादे को राम मंदिर से जोड़ रही है, कांग्रेस की नादानी है कि, वह सफाई देने पर उतर आई है, आने वाले दिनों में कांग्रेस इस मसले पर और उलझेगी, इसे नकारा नहीं जा सकता।

कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में सरकारी भवनों के परिसर में शाखा लगने को लेकर प्रतिबंध लगाने और कर्मचारियों को शाखा में न जाने देने का वादा किया है तो उसे (कांग्रेस) स्वीकारना चाहिए, मगर वह सफाई देने के रास्ते पर उतर आई है। ये सफाई उसके सेहत के लिये नुकसानदेह भी हो सकती है।

pnn24.in

Recent Posts

लेबनान पर इसराइल के ताज़ा अटैक से मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 8, कई घायल

आफताब फारुकी डेस्क: लेबनान में इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ…

12 hours ago

हिजबुल्लाह ने इसराइल पर राकेटों की बरसात करके लिया पेजर और वाकी टाकी अटैक का बदला, इसराइल ने 140 राकेटों के हमले की किया पुष्टि

प्रमोद कुमार डेस्क: लेबनान में पेजर और वाकी टाकी ब्लास्ट से मृतकों की संख्या बंधकर…

12 hours ago