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नई दिल्ली/वाराणसी। काशी में विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा तक कॉरीडोर बनाने के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता की आशंका का कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी भी समुदाय का मामला हो श्रद्धालुओं के लिए मूल सुविधाएं मिलनी ही चाहिये। दरसअल यह याचिका जितेन्द्रनाथ व्यास और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने दाखिल की थी। काशी में विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा तक का एक कॉरीडोर बनाया जा रहा है ताकि श्रद्धालु आसानी से विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकें। इसके लिए आसपास की घनी आबादी के मकानों को खरीद कर उन्हें ढहाया जा रहा है। याचिका में निर्माण और तोड़फोड़ पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि पहला याचिकाकर्ता काशी विश्वनाथ मंदिर के व्यास परिवार का सदस्य है और व्यास है। वह मंदिर और भगवान की पूजा अर्चना करता है। जबकि दूसरा याचिकाकर्ता ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि केन्द्र सरकार काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर में दखल दे रही है। कहा गया है कि पहला और दूसरा याचिकाकर्ता मिलकर वहां का प्रबंधन देखते हैं। व्यास परिवार और मस्जिद प्रबंधन के बीच मतभेद होने के बावजूद दोनों के बीच आमसहमति करार है ताकि दोनों समुदायों के बीच शांति कायम रहे और दोनों साथ साथ बने रहें।
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