अनुपम राज
वाराणसी। आज दिनांक 14/11/2018 को वाराणसी कांग्रेस के मैदागिन स्थित कार्यालय पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू की जयंती मनायी गयी। इस उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का भी आयोजित हुई जिसका विषय था भारत के विकास में पण्डित हवाहर लाल नेहरू का स्थान। संगोष्ठी की अध्यक्षता महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी ने किया वही संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर सतीश राय थे।
संगोष्टी में बोलते हुवे प्रोफ़ेसर राय ने कहा कि पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने देश की 556 रियासतों को एकता के सूत्र में पिरोने का साहसिक कार्य किया। पण्डित जवाहर लाल नेहरू की कश्मीरियत की वजह से उन्होंने कश्मीर को भारत मे विलय कराया। सन 1962 में नेहरूजी ने गोवा को भारत मे मर्ज कराया, जिससे भारत की सीमाओं का विस्तार हो सका।
प्रोफ़ेसर सतीश राय ने कहा कि आज देश मे संघ पोषित फ़र्जी ज्ञान द्वारा पण्डित जवाहर लाल नेहरू की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। चाहे वह नेहरू जी के प्रधानमंत्री चुनने की बात हो या फिर फ़र्जी चुनावो द्वारा सरदार पटेल को को प्रधानमंत्री चुनने की बात हो। सतीश राय ने कहा कि नेहरूजी ने आजाद हिंद फ़ौज के सारे मुकदमे लड़े। तत्कालीन संघियों ने अंग्रेजों के साथ मिल कर सिर्फ अय्याशियां की।
गांधी जी पण्डित जवाहर लाल नेहरू के आर्किटेक्ट थे। नेहरू के व्यक्तित्व ने उनके पिता मोतीलाल नेहरू की सोच को बदल दिया। नेहरूजी की प्रसिद्ध कृति भारत एक खोज भारत के लोगों को पढ़नी चाहिए। जैसे गीता हिन्दू धर्म का आध्यात्मिक धर्म ग्रंथ है , उसी तरह भारत एक खोज” भारत के लोगों की एक प्रमुख ग्रंथ है। पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने जिस भारत को खोजा वह भारत सभी धर्मों, मज़हबों का भारत था।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने आज़ादी के बाद देश को एक नई वैज्ञानिक सोच दी। आज़ादी के बाद के क्षत विक्षत देश को एक साथ लेकर चलने के चुनौती भरे कदम को उन्होंने बख़ूबी निर्वहन किया। पण्डित नेहरू ने कृषि, शिक्षा, मिल-कारखाने, रेलवे का विस्तार, आईआईटी, एम्स जैसी तमाम सुविधाएं देकर भारत को एक मजबूत व कुशल नेतृत्व दिया। अजय राय ने कहा कि आज देश मे एक ऐसी सरकार है जो कहती है कि कांग्रेस ने कुछ नही किया। जबकि हकीकत यह है कि आज भी पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा बनवाये गए आईआईटी, एम्स, हॉस्पिटल, विश्वविद्यालय, गाँवो में लगे ट्यूबवेल आदि देश के आम नागरिकों, किसानों, मजदूरों के हित मे अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं।
राय ने कहा कि आज देश मे पण्डित जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को लेकर जो झूठ फैलाया जा रहा है, हम सभी कांग्रेसजनों को मिलकर उसका मुकाबला करना है। हमे पूरी दृढ़ता के साथ इस झूठ का पर्दाफ़ाश करना होगा। उन्होने सभी कांग्रेसजनों का आह्वान किया कि बनारस और बनारस की संस्कृति, मजहब, और बनारसीपन को हमे मिलकर बचाना होगा। इसके लिए सभी कांग्रेसजनों को एक जुट होकर जनता की आवाज़ बनना होगा। राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता को भारत के स्वतंत्रता इतिहास को जो गलत, तथ्यहीन, बेबुनियाद और बिल्कुल सड़क छाप और सतही बातें की जा रही हैं, बनारस की जनता आगामी चुनावों में उसका पूरा हिसाब उनसे मांगेगी। राय ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह देश की राजनीति का साम्प्रदायिकरण कर रहे हैं।
वाराणसी जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस देश की स्थिर भविष्य है। जब – जब कांग्रेस सत्ता से बाहर रही है, देश कमजोर हुआ है। साम्प्रदायिक शक्तियों ने देश को पिछले साढ़े चार सालों में हर स्तर पूरी निर्लज्जता के साथ खोखला किया है। उन्होंने कहा कि – जो लोग आज़ादी के दरम्यान अंग्रेजों की दलाली करते थे, आज वह देशभक्ति की शिक्षा देते फिरते हैं। इससे बड़ा मजाक देश के लिए और क्या हो सकता है। आजादी के बाद जो देश सूई तक नही बना सकता था आज वह चंद्र मिशन, मंगलयान से लेकर हर स्तर की उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर रहा है, यह किसकी दें है? शर्मा ने कहा कि आज बनारस और बनारस के शैक्षणिक संस्थानों में संघ का दखल बढ़ रहा है। बीएचयू, विद्यापीठ, बड़ालालपुर स्थित सांस्कृतिक संकुल आदि संस्थानों में संघ तथा भाजपा की सभाओं का होना क्या दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वाराणसी कांग्रेस आगामी दिनों में इन सभी मुद्दों को पूरे जोर – शोर से उठाएगी।
आज के इस संगोष्ठी में जिला एवं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, पूर्व विधायक अजय राय, प्रोफेसर सतीश राय, देवेंद्र सिंह, मुमताज अली बाबर, वीरेंद्र कपूर, सुशील पाण्डेय, कल्पनाथ शर्मा, फ़साहत हुसैन “बाबू”, राघवेंद्र चौबे, डॉ। नृपेन्द्र नारायण सिंह, ओम शुक्ला, प्रमोद वर्मा, असलम खां, हाजी ओकास अंसारी, बेलाल अंसारी, मजहबी अंसारी, बिलकिस बेग़म, आनंद कुमार पाल, मंगलेश सिंह, चंचल शर्मा , हसन मेंहदी ‘कब्बन’ , जन्त्रलेश्वर यादव, अभिषेक चौरसिया, मनोज कुमार, शिवपाल श्रीवास्तव, ओमकार नाथ, देश दीपक उपाध्याय, बिंदु शरण मिश्रा, अनिल पांडेय, रामजी त्रिपाठी समेत बड़ी संख्या में वाराणसी कांग्रेस के पदाधिकारीगण एवं उपस्थित थे।
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