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वाराणसी कांग्रेस का बनारस के शिक्षण संस्थाओं को संघ और बीजेपी की साम्प्रदायिक विचारधारा से बचाने हेतु पत्रक

अनुपम राज/ईदुल अमीन

वाराणसी। आज दिनांक 17/11/2018 को वाराणसी कांग्रेस की तरफ से नामित जिला महासचिव देवेन्द्र सिंह, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विकास कुमार सिंह तथा संम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र नेता साकेत शुक्ला ने वाराणसी के तीन गौरवशाली तथा राष्ट्रीय एवं विश्वस्तर के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों जिनमे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय शामिल हैं। कुलपति को वाराणसी जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, महानगर अध्यक्ष सीताराम केसरी तथा पूर्व विधायक अजय राय के हस्ताक्षरों वाला एक पत्रक दिया दिया गया।

वस्तुतः पिछले कुछ सालों से इन विश्वविद्यालयों में लगातार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ , विश्व हिन्दू परिषद तथा सत्तारूढ़ दल का हस्तक्षेप राजनैतिक तथा साम्प्रदायिक कार्यों के लिए किया जा रहा है।  जो कि न सिर्फ नियमों के खिलाफ है बल्कि इन शैक्षणिक संस्थाओं के शैक्षणिक माहौल को दूषित करने वाला तथा निंदनीय भी है। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा से इन शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता की मर्यादा की रक्षा की। कल दिनांक 16/11/2018 को वाराणसी कांग्रेस द्वारा इस विषय का एक ज्ञापन वाराणसी के जिलाधिकारी को भी दिया गया था।

वाराणसी कांग्रेस के इस पत्रक में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि विश्वविद्यालय पठन-पाठन, ज्ञान-विज्ञान तथा शोध के केंद्र हुआ करते हैं। वहां धार्मिक, साम्प्रदायिक तथा राजनैतिक कार्यक्रमो का होना उनके मूल स्वरूप को नष्ट करने जैसा है। इसका व्यापक दुष्प्रभाव वहां के विद्यार्थियों पर पड़ता है। विश्वविद्यालय परिसर शिक्षा अर्जन के लिए होते हैं न कि राजनीति के लिए। विश्वविद्यालयों के अतिथि गृहों का खुलेआम राजनैतिक तथा साम्प्रदायिक लोगों को देना एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। क्या विश्वविद्यालयों के कुलपति किसी पार्टी विशेष के चयनित प्रतिनिधि हैं या फिर विश्वविद्यालय के सम्मानित सदस्य  कुलपति विश्वविद्यालय का सर्वोच्च अधिकारी होते हैं। अतः उन्हें इन विश्वविद्यालयों को किसी खास राजनीतिक विचारधारा का अखाड़ा नही बनाया जाना चाहिए।

पत्रक में कहा गया है कि वाराणसी कांग्रेस,  बनारस की जनता की इन मूल भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए इन विश्वविद्यालयों के सम्मानित कुलपति से यह मांग करती है कि वे विश्विद्यालय परिसर को इस तरह के राजनैतिक तथा साम्प्रदायिक कार्यों से मुक्त कर उनके श्रेष्ठ तथा गौरवशाली स्वरूप की रक्षा करें तथा विश्वविद्यालयों में राजनैतिक गतिविधियों को पूर्णतः प्रतिबंधित करें। पत्रक में कहा गया है कि आज बनारस की ख्याति दुनिया मे इन्ही परम्परागत तथा आधुनिक शिक्षा केंद्रों की वजह से है। इनके मूल अस्तित्व की रक्षा करना इनका दायित्व है। वाराणसी कांग्रेस की तरफ से भेजे गए इस पत्रक को जिला कांग्रेस महासचिव देवेंद्र सिंह, एन.एस.यू.आई. के जिलाध्यक्ष विकास कुमार सिंह तथा संम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र नेता साकेत शुक्ला ने सम्बंधित विश्वविद्यालयों के सम्मानित अधिकारियों को सौंपा।

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