सत्संग से मिलते हैं भगवान -स्वामी निर्मल शरण
प्रदीप दुबे विक्की
भदोही जनपद के ज्ञानपुर स्थित मुखर्जी पार्क में श्री धाम अयोध्या से पधारे संत स्वामी निर्मल शरण जी महाराज ने बताया इस कलिकाल में प्रायः व्यक्ति आसुरी प्रवृत्ति का होता जा रहा है, जहां देखो हर व्यक्ति बुराई में लिप्त है सत्संग में जाने का टाइम नहीं है। जिनका आचार विचार संस्कार आचरण ठीक ना हो ऐसे नीच व्यक्ति का संग नहीं करना चाहिए। नीच का मतलब जाति विशेष से नहीं होता महलों में रहने वाली महारानी कैकेई ने नीच बुद्धि रखने वाली दुष्ट मंथरा का संग किया तो वह इतना नीचे गिर गई कि आज कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी का नाम कैकेई रखने को तैयार नहीं वहीं मानस में प्रमाण मिलता है नीच कुल में पैदा हुई सबरी ने मतंग ऋषि की शरण ली सत्संग किया जिसके फलस्वरूप भगवान राम बिन बुलाए माता शबरी की कुटिया पर आए और नवधा भक्ति का ज्ञान दिया। व्यक्ति अपने कर्म से ऊंचा और नीचा का होता है” ऊंचे कुल का जनमिया करनी ऊंची होय”। हर व्यक्ति को चाहिए कि थोड़ा समय निकालकर ईश्वर का ध्यान करें हमेशा अच्छे लोगों की संगति में रहे बुराई से बचें। आज के मुख्य आरती में मनोज तिवारी अनिल पांडे रोहित त्रिपाठी अरविंद तिवारी घनश्याम गुप्ता बिंदु चौरसिया इत्यादि भक्त उपस्थित रहे।