कमलेश कुमार
अदरी(मऊ): पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की।
ब्राह्माण का कभी उपहास नहीं करना चाहिए। जिसने ब्राह्मण का उपहास किया है उसका सर्वनाश ही हुआ है। व्यास ने ब्राह्माण द्वारा भानुप्रताप को दिए गए श्राप की कथा का विस्तार से वर्णन किया। आचार्य ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया। चारों ओर मंगल गान होने लगे। राम जन्म की कथा सुन पांडाल में मौजूद महिलाएं अपने स्थान पर खड़े होकर नृत्य करने लगी। कथा का अभिषेक सिंह, निरंजन सिंह, राणा प्रताप, रवि गुप्ता, सुमन, बाबू उदयभान, अंकुर सिंह बजरंगी उर्फ बज्जू, पिंटु राजभर, सुमन राजभर, संजय राजभर, संजय कुमार, रोहित, विजेंदर राजभर, अखिलेश कुमार शाही, राहुल शाही, धर्मवीर सिंह आदि श्रद्धालुओं ने श्रवण कर पुण्य लाभ कमाया।
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