आदिल अहमद : आफ़ताब फ़ारूक़ी
यमन युद्ध में अमरीका का हाथ हर जगह नज़र आता है।
अमरीकी समाचार पत्र के अनुसार अमरीका मानव संकट में लिप्त है जिससे सीरिया और इराक़ के हवाले से क्षेत्र और दुनिया में अस्थिर प्रभाव आएंगे।
सऊदी समर्थित यमन की पूर्व सरकार और यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के बीच युद्ध से पिछले तीन वर्षों में 10 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
न्यूयार्क टाइम्ज़ में प्रकाशित होने वाले लेख में कहा गया है कि सामने आने वाले हज़ारों लोगों की हत्या, प्रभावितों की कुल संख्या का केवल एक भाग है और अमरीकी सरकार हालात ख़राब करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेन्सी ने सचेत किया था कि भीषण खाद्य संगठन का शिकार यमन और कुछ अफ़्रीक़ी देशों में 2 करोड़ लोगों का भूखमरी से होने वाली बीमारियों से मरने की आशंका है।
केवल यमन ही में सेव द चिल्ड्रेन के अनुसार 2 करोड़ 7 लाख लोगों का जीवन ख़तरे में है जिनमें आधी संख्या बच्चों की है।
उनके अनुसार इन बच्चों को त्वरित सहायता की आवश्यकता है। यमन में खाद्य पदार्थों से होने वाली ख़तरनाक बीमारी कालरा फैल रही है जिसमें अब तक लगभग 3 लाख 60 हज़ार मामले सामने आए हैं जिनमें से हज़ार लोग काल की गाल में समा चुके हैं। समाचार पत्र के अनुसार यह संकट, सऊदी अरब का अमरीका सहित अपने घटकों की मदद से देश पर लगाए गये प्रतिबंधों के कारण है।
न्यूयार्क टाइम्ज़ ने लिखा कि अलहूसी गुट के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में खाद्य पदार्थ बंद करने की कार्यवाही जानबूझकर उठाया गया और यह कार्यवाही ही महामारी के फैलने का कारण है।
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