तारिक आज़मी
वाराणसी। साहब हम तो पहले ही कहते रहे है कि हम खाली बतिया सकते है। बतिया भी तबही कर सकते है जब बड़े साहब को कमवा न करे है। हमारे पास बतियाने के अलावा कोई काम नही है, काम तो विकास प्राधिकरण के साहब लोग जम कर करते है। इतना जम कर करते है कि निर्माण कुल हो जाता है और साहब लोग बाद में पहुचते है। आज हम आपको चौक के नारियल बाज़ार की सैर करवा रहे है साहेब आप बुरा मत मानियेगा। वाराणसी का चौक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिये शायद सोने की चिड़िया साबित हो रहा है। बड़े अधिकारियो के विश्वनाथ कारीडोर में व्यस्तता का फायदा यहाँ नियमो को ताख पर रखने हेतु बिल्डर जमकर उठा रहे है। वैसे शायद ई फायदा खाली बिल्डर ही नही छोटे छोटे साहब लोग भी थोडा थोडा उठा ले रहे है।
स्थल को थोडा और साफ़ साफ़ बताते चले कि चौक थाना परिसर के ठीक पीछे दो तरफ से खुली ये संपत्ति के सम्बन्ध में क्षेत्रीय चर्चोओ के आधार पर प्राप्त समाचारों के अनुसार एक कांग्रेसी कद्दावर नेता के भाई का भवन है। जिसका ठेका पहले क्षेत्र के एक ठेकेदार को दिया गया मगर कुछ ही समय के बाद वह ठेकेदार काम छोड़ कर निकल लिए और काम करवाने में असमर्थता जताई। इसके बाद दुसरे ठेकेदार जो काफी बड़ा कद रखते है को इस काम का ठीका दिला, चर्चाओ के अनुसार काम को करवाने के पहले प्राधिकरण में पूरी तरह बात चीत कर लिया गया। काम को शुरू करवाया गया और अब काम अपने शबाब पर है। दो तरफ से खुली संपत्ति का रास्ता एक तो नारियल बाज़ार वाले मार्ग पर ठीक तिराहे पर है वही उसके ठीक पहले 5 फिट से कम की सकरी गली जो आकर वापस दालमंडी में निकलती है उस सकरी गली से है। बेसमेंट की गहराई जिसका रास्ता गली से भी है अगर नापे तो लगभग तीस फिट गहरा बेसमेंट है जो यह प्रतीत करवाता है कि बेसमेंट द्विखंडिय बनेगा। मतलब नियमो की धज्जिया एक साथ सब उड़ जाए मगर काम होना चाहिए।
इसके गली वाले मार्ग से ठीक जहा यह भवन ख़त्म होता है उसके बाद इसके उलटे पटरी में एक अन्य वाणिज्यिक भवन का निर्माण जोरो शोरो पर चल रहा है। इतना बड़ा निर्माण वह भी इतनी सकरी गली में कोई मानचित्र के आधार पर तो नही हो सकता है। हां साहब की जय कहने के आधार पर अवश्य हो सकता है। इस भवन को बी+जी+4 के आधार पर बनाया जा रहा है जिसका निर्माण लगभग 75 प्रतिशत हो चूका है। इस सम्बन्ध में प्राधिकरण के एक कर्मी ने दबे ज़बान से यहाँ तक कह डाला कि सब लोग तो विश्वनाथ कारीडोर के निर्माण और ध्वस्तीकरण के काम में लगे है। किसी को समय ही नही है तो इस क्षेत्र का दौरा कैसे हो।
जो भी हो नियमो को ताख पर रखकर इस क्षेत्र में होते ताबड़तोड़ निर्माण प्राधिकरण कर्मियों के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह अवश्य लगा रहे है। अब देखना होगा कि कब तक प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस तरफ जाता है। अब देखिये साहब हम आज बतिया लिये है अब काम तो विकास प्राधिकरण के साहब लोगो को करना है। और साहब लोग व्यस्त है विश्वनाथ कारीडोर क्षेत्र में। अब उनका ध्यान इस तरफ जायेगा कि नही जायेगा भगवान् जाने या फिर साहब जाने। वैसे हम तो बार बार खाली एक बात कहते है कि मिश्रा जी की जय हो।
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