तारिक खान
प्रयागराज : प्रापर्टी डीलर विद्यासागर यादव की हत्या वर्चस्व की अदावत में हुई है। हत्याकांड की तफ्तीश में जुटी सिविल लाइंस पुलिस को अहम सुराग मिला है। पता चला है कि शेरडीह गांव में दो गुटों के बीच चल रही रंजिश में ही विद्यासागर को मारा गया है। अब नैनी जेल में बंद संतोष यादव को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी, ताकि सच्चाई का और पता चल सके। कत्ल का कारण लगभग साफ होने के बाद अब कातिलों और कत्ल की साजिश रचने वालों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
इंस्पेक्टर सिविल लाइंस शिवमंगल सिंह ने विद्यासागर की पत्नी, भाई और दोस्तों से लंबी पूछताछ की। हालांकि परिजन पुलिस के सभी सवालों का जवाब सही ढंग से नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। एसएसपी नितिन तिवारी और झूंसी पुलिस ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख रंजीत यादव और उसके साथियों से भी हत्याकांड को लेकर पूछताछ की।
दो गुटों की रंजिश में हुई हत्या
पुलिस का कहना है कि हत्या के पीछे पैसा और दो गुटों की रंजिश ही सामने आई है। अहम सुराग मिलने के बाद कुछ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सीओ सिविल लाइंस आलोक मिश्रा का कहना है कि जल्द ही हत्याकांड का राजफाश कर दिया जाएगा।
शूटरों को दी एक लाख की सुपारी
कत्ल की साजिश रचने वाले ने शूटरों को करीब एक लाख रुपये की सुपारी दी थी। पुलिस को पता चला है कि एक शूटर शेरडीह गांव के आसपास का ही रहने वाला है। क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार रात कई संदिग्धों को उठाकर पूछताछ की तो इस बारे में पता चला। पुलिस जब संदिग्ध शूटर के घर छापेमारी की तो वह घर पर नहीं था। पुलिस चश्मदीद ड्राइवर अमरजीत की भूमिका की भी जांच कर रही है। उसके बयान में विरोधाभास होने के कारण वह संदिग्ध माना जा रहा है।
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