तारिक खान
प्रयागराज : कुंभ मेले में पेशवाई और शाही स्नान के दौरान हाथी, घोड़े के प्रवेश को लेकर मेला प्रशासन व संतों के बीच सहमति बन गई है। पुलिस अधिकारियों ने परंपरा का पालन करने की बात कही तो अखाड़े राजी हो गए। तय हुआ पेशवाई के दौरान हाथी, घोड़े पांटून पुल के ऊपर नहीं चलेंगे। सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है।
मेला क्षेत्र का विस्तार होने के कारण इस बार अखाड़ों को गंगा के उस पार बसाया गया है। शुक्रवार को मेला प्रशासन और अखाड़ों की बैठक कुंभ पुलिस दफ्तर में हो रही थी। पुलिस अधिकारियों ने नियम का हवाला देते हुए पेशवाई में हाथी, घोड़े नहीं लाने की बात कही। इस पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत अन्य संत नाराज हो गए। परंपरा और निर्देश को लेकर टकराव हुआ तो कुछ संत बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। संतों का रुख देख अधिकारी बैकफुट पर आ गए और फिर उन्हें मनाया। पुलिस अधिकारी इस मसले पर मंथन करते रहे और फिर परंपरा का निर्वहन करने की बात कही। अखाड़े के पदाधिकारी भी परेड में त्रिवेणी मार्ग तक ही हाथी और घोड़े ले जाने पर राजी हो गए।
2001 कुंभ में भी यही व्यवस्था
यही व्यवस्था 2001 के कुंभ में भी थी। डीआइजी कुंभ मेला केपी सिंह के मुताबिक पांटून पुल पर हाथी, घोड़े नहीं चलेंगे। अखाड़ों की परंपरा का पालन किया जाएगा। पेशवाई मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। उधर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि परंपरा के अनुसार पेशवाई में हाथी, घोड़े शामिल होंगे। पुलिस अफसरों ने परंपरा का निवर्हन कराने की बात कही है।
तारिक आज़मी वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने साफ़ साफ़ हुक्म जारी किया था कि शहर…
फारुख हुसैन डेस्क: असम-मणिपुर सीमा के निकट जिरी नदी में शुक्रवार को एक महिला और…
ए0 जावेद वाराणसी: गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने…
ईदुल अमीन डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। इसे लेकर…
मो0 शरीफ डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के…