भाइयों से हारने में भी खुश होते थे श्री राम -:स्वामी निर्मल शरण

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही जनपद के ज्ञानपुर स्थित मुखर्जी पार्क में चल रही श्रीराम कथा में अयोध्या से पधारे स्वामी निर्मल शरण महाराज ने बतलाया कि आज भाई भाई में वैमनस्यता का भाव जग गया है जहां भी देखो भाई भाई आपस में लड़ रहे हैं एक समय था लोग कहते थे सबसे बड़ा दुश्मन पड़ोसी होता है लेकिन आज देखने में यह आता है कि सबसे बड़ा दुश्मन अपना सगा भाई ही हो गया है।भगवान राम के जीवन से हमें शिक्षा लेनी चाहिए भगवान राम जब भाइयों के साथ खेलने जाते थे तो जानबूझकर हार जाते थे जब घर लौटते थे भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न बड़ी खुशी से माताओं से कहते मैया मैया आज बड़े भैया हम से हार गए। यह बात सुनकर सबसे ज्यादा खुशी राम जी को होती थी।

आज का बड़ा भाई अपने छोटे भाइयों को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा है महाराज जी ने बतलाया कि श्री राम कथा से हमें सीख लेनी चाहिए हम भाइयों में प्रेम भाव होना चाहिए। आज समाज में बड़ा भाई जहां भी जाता है यही कहता है कि भाई हो तो भरत जैसा। स्वामी जी ने कहा अगर बड़ा भाई राम की भूमिका निभाएगा तो छोटा भाई भरत की भूमिका निभाने को मजबूर हो जाएगा और जब बड़ा भाई रावण की भूमिका निभाएगा तो भारत जैसे भाई के अपेक्षा कहां से करेगा। यदि परिवार में प्रेम हो तो नमक रोटी में भी स्वाद होता है और प्रेम ना हो तो पकवान भी फीके लगते हैं। घर में लगी आग को फायर ब्रिगेड से बुझाया जा सकता है लेकिन घरवालों में लगी आग को कोई फायर ब्रिगेड नहीं बुझा सकता उसे आपसी सामंजस्य से ही बुझाया जा सकता है इसलिए हमें परिवार में प्रेम से रहना चाहिए। आज की मुख्य आरती में डॉक्टर विनोद सिंह,मनोज तिवारी,डी.एन उपाध्याय,के.एस उपाध्याय,अज्जू सभासद,शुभम सिंह इत्यादि भक्त उपस्थित रहे।

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