फारूख हुसैन
आवारा पशुओं की वजह से आए दिन नगर में हो रही दुर्घटनायें ।
पलिया कला खीरी । जहां एक और हमारी केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार सरकारी विभागों के अधिकारियों और बाबुओं के सुधारने के लिए लाख कोशिश कर रही है परंतु फिर भी सरकारी विभाग के अधिकारी और बाबू अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहें हैं वह तो बस अपने ओहदे पर रहकर भ्रष्टाचार करना ही अपना परम कर्तव्य मान रहें हैं यहीं नहीं उनके हौसले कुछ इस तरह से बुंलद हैं कि वह शासन का आदेशों की भी परवाह नहीं कर रहें हैं या फिर कुछ इस तरह से कहें कि शासन के आदेश की उनकी नजर में कोई भी अहमियत नहीं है ।एक ओर कुछ लापरवाह अधिकारियों और बाबुओं की अनैतिक कार्यशैली के चलते ही जनता की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं जिसके चलते जनता अब सरकार की कार्यशैली पर भी उंगुलियां उठा रही है ।
आपको बता दें कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के बढ़ते उपद्रव और उनकी वजह से बढ़ रहीं दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ ने आदेश दिया था कि जिले की हर नगर पालिका नगर में घूम रहें आवारा पशुओं पर अंकुश लगाये और आवारा पशुओं को नगर में बनी गौशालों में रखा जाये या फिर पशुओं के मालिकों को सख्त आदेश दिया जाये कि वो अपने पशुओं को नगर में आवारा घूमने के लिये न छोड़े और ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाये ।परंतु यह आदेश शायद हमारी पलिया नगर पालिका प्रशासन के लिये लागू नहीं होता है यदि यह आदेश लागू हो रहा होता तो नगर में आवारा घूम रहे पशुओं का आंतक अब तक खत्म हो चुका होता ।
जानकारी के अनुसार इस समय तहसील पलिया में आवारा पशुओं का आंतक लगातार जारी है आप जहां देखेगें वहां नगर में जगह जगह आपको आवारा पशु घूमते नजर आयेगें और यहीं नहीं आपको सरकारी विभागों के आफिसों में भी आवारा पशु घूमते नजर आयेगें फिर चाहें वो सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र ही क्यों न हो जहां पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बेहतर होनी चाहियें परंतु इन घूम रहे आवारा पशुओं की वजह से वहां जगह जगह मलमूत्र ही नजर आता है जिससे वहां आने जाने वाले मरीज और तीमारदार भी गंदगी और दुंर्गध की वजह से परेशान हो जाते हैं और इससे मरीज में सक्रमण फैलने की भी आशंका लगातार बनी रहती है पंरतु इस सब आशकाओं का हमारा नगर पालिका प्रशासन नज़र अंदाज करना बखूबी जानता है ।आपको बता दें कि आप जब पलिया नगर में आगमन करेगें तो आपको वहीं से पालिका प्रशासन की लापरवाही सामने ही नज़र आने लगेगी सड़को पर घूम रहें आवारा पशु ।नगर के हर व्यसतम मार्ग फिर वो चाहे स्टेशन रोड, मिल रोड,नगर पालिका रोड,सब्जी मंडी रोड,और गर चौराहों की बात करे तों सिनेमा चौराह ,शेरसिंह चौराहा, दुधवा चौराहा,मेला सिंह चौराहा जहां पर आपको आवारा पशु इधर उधर बैठे या फिर घूमते नजर आयेगें और जहां पर वो होते हैं वहां पर गंदगी भी फैल जाती हैं और इन आवारा पशुओं की वजह से हर समय दुर्घटना होने का भी खौफ बना रहता है । अभी कुछ दिन पूर्व ही नगर के मेला सिंह चौराहे पर एक आवारा पशु ने एक लड़की को गंभीर रूप से घायल कर दिया जिससे आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र लेकर जाया गया यह इस तरह की घटना एक ही नहीं और न जाने कितनी बार लोग इन आवारा पशुओं की वजह से गंभीर रूप से घायल हो चुकें है ।सबसे ज्यादा मुसीबत तो आवारा पशु उस समय खड़ी कर देते हैं जब वो सब्जी मंडी पहुच जाते हैं जहां पर शब्जी लेने वालों महिलाओं और बच्चों की भीड़ लगी रहती हैं और ऐसी जगहों पर आवारा पशुओं की वजह से काफी लोग चोटिल हो जाते हैं जब इस बात की शिकायत नगर पालिका प्रशासन को की जाती है तो वो इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझता ऐसा लगता है कि वो एक बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहें हैं ।हां पालिका प्रशासन इस बात पर जरूर ध्यान देता है कि वो जब तक आवारा पशुओं के लिये प्रचार करवा देते हैं कि पशु मालिक अपने पशुओं को बांध कर रखें नहीं करने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी जाती है परंतु कार्यवाही कब होती है यह सोचनीय विषय बन जाना है ।फिलहाल यह सब देखकर साफ नज़र आ रहा है कि पलिया नगर पालिका प्रशासन शासनादेश की अवहेलना करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और इस पर हमारे मुख्यमंत्री क्या कार्यवाही करते हैं यह देखना होगा कि उनके आदेश न मानने वालों का मामला किनारे रख दिया जायेगा यह फिर सर्वपरि मानकर उनपर कोई कार्यवाही की जायेगी ।
यदि इस तरह अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों का ताक पर रखकर उनके आदेशों की अवहेलना कर रहें हैं तो फिर अपने आला अधिकारियों का आदेश वह कब मानेगें ।फिलहाल ऐसे अधिकारियों और बाबुओं पर हमारे सीएम क्या कार्यवाही करेगें यह देखना होगा ।
पलिया नगर में अभी तक कोई भी गौशाला नहीं बन पायी जबकी इसके लिये काफी पहले कहां गया था और गौशाला के लिये विधायक के द्वारा कमेटी को कोई बार अनुदान भी दिया गया परंतु फिर भी अभी तक गौशाला नहीं बनी यह सोचनीय विषय है ।
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