तारिक आज़मी
वाराणसी। किसी भी धर्म में महिलाओ के साथ ज़ेनाकारी (बलात्कार) प्रतिबंधित है। इस्लाम में तो यहाँ तक आया है कि किसी नामोहरम महिला (ऐसी रिश्ते की महिला जिससे आपका विवाह प्रतिबंधित न हो) को आँख उठा कर देखना प्रतिबंधित है। यही नही अगर गलत सोच के साथ देख भी लिया तो हराम (पूर्णतः प्रतिबंधित) है। मगर जब धर्म के जानकार और कथित धर्म के ठेकेदार ही धर्म के नाम का मज़ाक उडाये तो इसको चौदहवी सदी (घोर कलयुग) की निशानिया ही कहा जायेगा। हमारा इन शब्दों से तात्पर्य कही से भी किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुचाना नही है। बल्कि जिसके कारण धर्म बदनाम होता है, उनको सच्चाई का आईना दिखाना है। एक हाफिज कुरआन से आप (तहजीब) शिष्टाचार की उम्मीद तो कर ही सकते है। मगर जब हाफिज कुरआन होने के बावजूद भी वो कुकर्म करना शुरू कर दे तो आप उसको केवल चौदहवी सदी की निशानिया ही कहेगे।
शफी उस्मानी डेस्क: हिंदल वली गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइंनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैही के उर्स मुबारक…
ईदुल अमीन डेस्क: उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन के पास शनिवार को निर्माणाधीन इमारत…
मो0 कुमेल डेस्क: केरल के पथानामथिट्टा ज़िले में एक 18 साल की दलित-एथलीट युवती द्वारा…
तारिक खान डेस्क: नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कुम्भ मेले को लेकर सरकार पर…
आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…
सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…