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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा जिले का स्वच्छ भारत मिशन- अभियान

प्रदीप दुबे विक्की 

ज्ञानपुर, भदोही। जनपद में स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार जहां पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है , वहीं शासन की लाख हिदायतों के बावजूद भी अधिकारी व कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।जिसके चलते डीघ और ज्ञानपुर सहित भदोही, सुरियावां, मतेथू,औराइ आदि ब्लाकों के अधिकांश ग्राम सभाओं में शौच मुक्त योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं।

कमीशनबाजी के चलते पीली ईट व घटिया मसाले से शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा हैं।और जिले के आला अधिकारी भी कुंम्भकरर्णी नींद में सो रहे हैं। अब एसे में सरकार का यह प्रयास आखिर कैसे कामयाब होगा कि लोग खुले में शौच को ना जाये।उनके मन में ये संका बनी रहती है।कि कही ये शौचालय घर किसी का घर ना उजाड़ दे क्योकिं उसका लोगों को भरोसा नही है ,कि कब वह गिर जायें । लोगों का कहना हैं कि 10 -20 बोरी बालू में व दो से चार बोरी सीमेंट में कैसे शौचालयों को तैयार किया जा रहा हैं।

जिले के अधिकांश ग्राम सभा में ब्लाक के अधिकारी व ग्राम प्रधानों के मिलीभगत से ये घटिया काम देख़ने को मिल रहाँ है।इसकी शिकायत जब ग्रामवासी करते हैं। तो अधिकारी व ग्राम प्रधानों का जबाब होता है कि हम जिस तरीके से चाहेगे उसी तरीके से बनेंगा।शौचालयों का निमार्ण अधिकारी व ग्राम प्रधान इन दिनों ठेकेदारी के माध्यम से करा रहे हैं। एडीओ पंचायत के कुछ चहेते ठेकेदार व ग्राम प्रधान द्वारा घटिया सामग्री से निर्माण करवाया जा रहा हैं।इसके बदले ठेकेदार द्वारा एडीओ पंचायत व ग्राम प्रधान को मोंटी रकम से नवाजते हैं।आप को बता दे कि मानक के विपरीत हो रहे इन इज्ज़तघरो के निर्माण पर जिले के जिम्मेदार अफसर भी चुप्पी साधे हुए हैं।

इसी का नतीजा हैं कि ब्लाक के एडीओ पंचायत से लेकर ठेकेदार व ग्राम प्रधान मालामाल हो रहें हैं।ये सरकार कि धज्जियां उड़ा रहें हैं। सरकार कि मंशा पे पानी इस तरह फेर रहें हैं कि जैसें वे खुद ही सरकार चला रहे हो।लोगों का भरोसा सरकार पर से इस तरह उठ रहा हैं।ग्राम वासियों का कहना है कि इज्ज़त घर बनवाना मौत को दावत देने के बराबर हैं। नदी के किनारे से बालू और सबसे थर्ड क्वालटी ईट जिसको पीली ईट कहा जाता है उसी से कराया जा रहा हैं निर्माण । और तो और ग्राम प्रधानों द्वारा बालू और ईट गांव के किसी भी किनारे गिरा दिया जाता है।उसे वहाँ से लाभार्थी द्वारा ढुलाया जाता हैं।

कुछ परिवार गांव में ऐसे भी होते जिसके घर महिला के अलावा छोटे-छोटे बच्चे होते हैं।उन पर भी ग्राम प्रधान व अधिकारी तरस नहीं खातें हैं। एक तरफ जहां योगी सरकार गरीब तबके के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही हैं। वहीं पर अधिकारी कर्मचारी तथा ग्राम प्रधान की मिलीभगत से गरीब किस्म के व्यक्तियों का भरपूर शोषण किया जा रहा है ।जिसकी भनक भी सरकार तक नहीं पहुंच पाती ।और जब गरीब किस्म के व्यक्ति इस बात को लेकर शिकायत करने की सोचते हैं तो उनको डराया धमकाया भी जाता है ।

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