अनिल कुमार
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भाजपा के इशारे पर काम करने वाला बताते हुवे बड़ा हमला बोला है। प्रशांत किशोर के पार्टी उपाध्यक्ष बनाये जाने को हाशिये पर रखते हुवे उन्होंने कहा है कि प्रशांत किशोर पर लिया गया नितीश का फैसला उनका खुद का नही है बल्कि अमित शाह के कहने पर फैसला लिया गया है। तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि नीतीश कुमार ने यह माना कि जदयू बीजेपी का एडवांस वर्जन है। यही वजह है कि वह अपने अलावा सभी संवैधानिक पद अमित शाह से पूछकर ही दे रहे हैं। उम्मीद करता हूं कि अब आप समझ पाएंगे कि आखिर राज्य में मॉब लिंचिंग और अपराध एक आम बात सी क्यों हो गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने खुलासा किया था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। नीतीश कुमार ने इस बात का खुलासा एक निजी चैनल के कार्यक्रम में किया। नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर को जदयू में पद देने के लिए अमित शाह ने उन्हें दो बार फोन किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें भी प्रशांत किशोर से स्नेह रहा है। प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि फिलहाल उन्हें युवाओं को पार्टी से जोड़ने का जिम्मा दिया गया है। नीतीश कुमार ने इस कार्यक्रम में अपने उत्तराधिकारी के बारे में सवाल पूछे जाने पर जवाब दिया था कि ये जनता तय करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर को नियुक्ति भाजपा के दो शीर्ष नेताओं की सलाह पर की गई है। नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को उपाध्यक्ष बनाने के फैसले में उनके अलावा और भी कई लोग शामिल थे। प्रशांत किशोर को जब नीतीश कुमार में जदयू में शामिल किया तो तब एक कोशिश खुद प्रशांत किशोर की टीम और उनके द्वारा यह हुई कि उन्हें पार्टी में नीतीश कुमार के बाद दूसरे नंबर पर माना जाए। बता दें, किशोर को पिछले साल सितंबर में जद (यू) में शामिल किया गया था और कुछ ही हफ्ते बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था। इससे ऐसी अटकलें लगने लगी कि कुमार उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने के बारे में सोच रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि वह हमारे लिए नए नहीं हैं। उन्होंने हमारे साथ 2015 के विधानसभा चुनाव में काम किया था। थोड़े समय के लिए वह कहीं और व्यस्त थे। कृपया मुझे बताने दें कि अमित शाह ने मुझे दो बार किशोर को जद (यू) में शामिल करने को कहा था।’ साथ ही उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर को समाज के सभी तबके से युवा प्रतिभाओं को राजनीति की ओर आकर्षित करने का काम सौंपा गया है। राजनीतिक परिवारों में नहीं जन्मे लोगों की राजनीति से पहुंच दूर हो गई है। मुझे प्रशांत किशोर से काफी लगाव है। लेकिन, उत्तराधिकारी जैसी बातें हमें नहीं करनी चाहिये। यह राजशाही नहीं है।
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