आदिल अहमद
नई दिल्ली: सीबीआई बनाम सीबीआई की चलती रार पर आज सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा प्रहार किया है और केंद सरकार के द्वारा आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश को निरस्त करते हुवे उन्हें सीबीआई का डायरेक्टर पद पर बने रहने का अधिकार दे दिया है। सीबीआई में रिश्वत कांड के बाद चीफ आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आलोक वर्मा अभी कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं। वह अपने दफ्तर जा सकते हैं। आपको बता दें कि सीबीआई में विवाद उस समय शुरू हुआ था जब सीबीआई के दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना पर रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। यह अपने आप में पहली बार था जब सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर पर सीबीआई ने ही केस दर्ज किया हो।
लेकिन इस कार्रवाई के बाद राकेश अस्थाना ने भी चीफ पर 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप झेल रहे मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ा था। इसके बाद दोनों अधिकारियों मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। फिलहाल इस मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में है। आज जस्टिस संजय किशन कौल ने फैसला सुनाया है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई छुट्टी पर हैं। फैसले के वक्त जस्टिस जोसेफ भी मौजूद थे। फैसला तीनों जजों की सहमति से लिखा गया है।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट में यह आज तक के इतिहास का पहला मामला रहा होगा जहा सीबीआई खुद सीबीआई के खिलाफ आई थी। इस मामले पर कोर्ट ने कई और अहम् फैसले दिये है। प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने कुल 8 बिन्दुओ पर अपना निर्देश जारी किया है। वह निम्नवत है
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