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इस्राईल एक अपराधी शासन है, मलेशियाई प्रधानमत्री। संभावित युद्ध में इस्राईल को ऐसा पाठ पढ़ायेंगे कि वह कभी नहीं भूलेगा, हमास

आदिल अहमद आफ़ताब फ़ारूक़ी

 

‬: मलेशिया के प्रधान मंत्री महातिर मोहम्मद ने ज़ायोनी शासन को एक अपराधी शासन बताते हुए इस्राईल की कड़ी आलोचना की है।

मलेशियाई प्रधान मंत्री ने अपने एक ब्लॉग में फ़िलिस्तीनी नागरिकों से हमदर्दी जताते हुए कहा, ज़ायोनी शासन एक अपराधी शासन है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।

ग़ौरतलब है कि मलेशिया, 2019 विश्व पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप का आयोजन करने वाला था, लेकिन इस्राईली खिलाड़ियों को देश में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार करने के कारण, अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति आईपीसी ने मलेशिया में इस आयोजन को रद्द कर दिया।

मलेशियाई सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि मलेशिया, इस्राईल को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता है, इसलिए वह इस्राईली खिलाड़ियों को वीज़ा जारी नहीं करेगा।

महातिर मोहम्मद का कहना है कि इस्राईल एक अवैध देश है, जो निर्दोष लोगों का जनसंहार कर रहा है। हमें इस बात का अधिकार है कि हम इस अपराधी शासन के नागरिकों को अपने देश से दूर रखें। अगर कुछ देश इसके लिए हमारी आलोचना करते हैं तो हम कह सकते हैं कि यह देश पाखंडी हैं।

मलेशियाई प्रधान मंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि फ़िलिस्तीन के एक टुकड़े पर क़ब्ज़ा करके इस्राईल की नींव रखी गई है, इसके लिए किसी तरह का कोई जनमत संग्रह भी नहीं करवाया गया, फ़िलिस्तीनियों को ज़बरदस्ती उनके घरों और खेत खलियानों से बाहर निकाल दिया
जो लोग फ़िलिस्तीन काज़ से हमदर्दी रखते हैं, उन्होंने उनसे अपील की कि ज़ायोनी शासन के घोर अमानवीय अपराधों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करें।

मलेशियाई प्रधान मंत्री महातिर मोहम्मद ने यह भी स्पष्ट किया कि मलेशिया यहूदी विरोधी नहीं है, लेकिन उनके देश को अमानवीय अपराधों की निंदा करने का अधिकार है, वह जहां भी हों।

इस बीच, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने एलान किया है कि अगर भविष्य में इस्राईल के साथ किसी भी तरह का टकराव हुआ तो इस्राईल को ऐसा पाठ पढ़ाया जाएगा जिसे वह कभी नहीं भूलेगा।

हमास के वरिष्ठ अधिकारी मुशीर अल-मसरी ने कहा, ग़ज्ज़ा कभी भी इस्राईली परिवेष्टन के सामने घुटने नहीं टेकेगा।

इसी के साथ उन्होंने कहा, ग़ज्ज़ा की सीमा पर ग्रेट रिटर्न मार्च जारी रहेगा, ताकि ज़ायोनी शासन के अवैध क़ब्ज़ों की नीति पर दबाव बनाया जा सके।

aftab farooqui

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