आफ़ताब फ़ारूक़ी आदिल अहमद
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प मध्यपूर्व में सीधे ईरान से सैन्य टकराव के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
ट्रम्प प्रशासन के दो वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को ईरान पर हमले की योजना का मूल सूत्रधार समझा जा रहा है।
हालांकि ईरान ने अमरीका को स्पष्ट रूप से चेतावनी दे दी है कि अगर उसकी सुरक्षा को ख़तरे में डाला गया तो क्षेत्र में अमरीकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जाएगा और इस्राईल का वजूद ही मिटा दिया जाएगा।
वास्तव में मध्यपूर्व में ईरान के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमरीका पिछले कई वर्षों से ईरान के साथ सीधे टकराव के विकल्प पर ग़ौर करता रहा है, लेकिन अमरीकी सैनिकों को निशाना बनाने और इस्राईल का विनाश करने की ईरान की क्षमता के चलते वह ऐसा करने का साहस नहीं कर पाया है।
तेहरान ने वाशिंगटन को यह भी चेतावनी दी है कि अगर उसने कोई भी ग़लती की तो युद्ध की लपटें देखते ही देखते पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेंगी।
वाशिगंटन में राजनीतिक टीकाकार सिना तूसी का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन इस समय बोल्टन और पोम्पियो जैसे कट्टर ईरान विरोधी अधिकारियों के निंयत्रण में है।
तूसी के मुताबिक़, ट्रम्प अगर ख़ुद मध्यपूर्व में कोई नया सैन्य टकराव नहीं चाहते हों, लेकिन बोल्टन और पोम्पियो अमरीका को सैन्य टकराव की ओर खींच रहे हैं।
पोम्पियो पहले ही एलान कर चुके हैं कि अगर ईरान के बारे में व्हाइट हाउस की रणनीति असफल रहती है तो क्षेत्र में टकराव को नहीं टाला जा सकता।
जनवरी के शुरू में भी पोम्पियो ने ईरान को धमकी दी थी कि अगर उसने बैलिस्टिक मिसाइलों के समान अंतरिक्ष वाहनों का प्रयोग करके अंतरिक्ष में उपग्रहों को भेजना जारी रखा तो उसके ख़िलाफ़ अधिक आर्थिक एवं कूटनीतिक प्रतिबंध लगाए जायेंगे।
यह ऐसी स्थिति में है कि ईरान के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने निकट भविष्य में “दोस्ती उपग्रह” लॉन्च करने की घोषणा करते हुए कहा है कि ज़फर, नाहिद-1 और नाहिद-2 उपग्रहों पर तेज़ी से काम आगे बढ़ रहा है।
शुक्रवार को लोब लॉग वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक लेख में भी ईरान के ख़िलाफ़ किसी भी युद्ध के प्रति चेतावनी दी है। यह वेबसाइट विदेश नीति के मामलों की समीक्षा करती है।
वेबसाइट ने लिखा है कि ईरान भी अमरीका और उसके सहयोगियों की धमकियों को हलके में नहीं ले रहा है और हर ख़तरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
दिसम्बर में ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अमरीका ने अपने क्षेत्रीय घटकों के लिए हथियारों की भरमार करके मध्यपूर्व को बारूद के ढेर में बदल दिया है।
पिछले हफ़्ते ईरान की वायु सेना के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अज़ीज़ नासिरज़ादे ने अमरीका को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम ज़ायोनी शासन से टकराने के लिए बेसब्री से इंतेज़ार कर रहे हैं और उसे दुनिया से मिटाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।
गुरुवार को ईरान की थल सेना के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल कियोमर्स हैदरी ने कहा था कि ईरान पर हमला करने से पहले दुश्मन को दो बार सोचना होगा।
उन्होंने कहा, वे युद्ध तो शुरू कर सकते हैं, लेकिन उसका अंत हम करेंगे।
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