तारिक खान
कुंभनगर। पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज कुंभ में सोमवार को दूसरा बड़ा स्नान पर्व है। हालांकि इस स्नान पर्व का प्रभाव दो दिन रहेगा। स्नान, दान और जप-तप की पौष पूर्णिमा का व्रत-पूजन रविवार से शुरू है जबकि स्नान-दान सोमवार को करना पुण्यकारी है। इसी दिन से संगम में स्नान करने के साथ त्याग-तपस्या का प्रतीक कल्पवास आरंभ हो रहा है। देशभर के गृहस्थ संगम तीरे टेंट में रहकर माहभर भजन-कीर्तन करना शुरू करेंगे। मोक्ष की आस में संतों के सानिध्य में समय व्यतीत करेंगे। सुख-सुविधाओं का त्याग करके दिन में एक बार भोजन व तीन बार गंगा स्नान करके तपस्वी का जीवन व्यतीत करेंगे।
अब माघ माह आरंभ
ज्योर्तिवद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि पौष पूर्णिमा तिथि रविवार की दोपहर 1.24 बजे से सोमवार को पूर्वाह्न 11.15 बजे तक रहेगी। वह बताते हैं कि सूर्योदय के बाद साढ़े तीन घटी जो तिथि होती है उसका मान पूरे दिन माना जाता है। एक घटी 24 मिनट की होती है। ऐसे में सोमवार को ही स्नान-दान की पूर्णिमा रहेगी।आचार्य देवेंद्र बताते हैं कि निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु एवं व्रतराज में उल्लेख है कि व्रत व पूजन में शाम के समय पूर्णिमा तिथि का होना जरूरी है, तभी वह मान्य होती है। ऐसी स्थिति में पूर्णिमा का व्रत रविवार को रखा जा सकता है। बताया कि पौष पूर्णिमा से माघ माह आरंभ हो जाएगा, जो कि 19 फरवरी तक रहेगा। यहीं से गृहस्थ लोगों का कल्पवास आरंभ होगा।
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