आफताब फारुकी
नई दिल्ली। इंद्रा गाँधी की परछाई समझी जाने वाली और अपनी स्पष्टवादिता के लिये विख्यात प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया है। आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के इस कदम से राजनितिक चर्चाये अपने चरम से पहुच चुकी है। जहा कांग्रेस कार्यकर्ताओ में ख़ुशी का माहोल है वही दूसरी तरफ भाजपा खेमे में प्रियंका के सक्रिय राजनीत में आने से सुगबुगाहट तेज़ हो गई है।
बताते चले कि यूपी में अखिलेश यादव और मायावती के गठबंधन करने के बाद कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया था। वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राहुल गांधी आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। कांग्रेस राफेल सहित कई अन्य मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रही है। कही न कही भाजपा के लिये राहुल गांधी सरदर्द बने हुवे है। प्रियंका गांधी के आने से उनको एक बल और मिल जायेगा। बताते चले कि प्रियंका गांधी की भाषण शैली की तुलना इंद्रा गांधी से किया जाता है। उनके द्वारा सक्रिय राजनीती में आने के बाद अब भाजपा को एक और बड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस के इस एलान के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि हर राज्य से नकारे जाने के बाद आखिर में कांग्रेस ने अब प्रियंका गांधी पर दांव खेला है। प्रियंका कांग्रेस के लिए बैसाखी की तरह है। कांग्रेस में परिवार ही पार्टी है। यही फर्क है हमारे और भाजपा के बीच।
प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने उन्हें बधाई देते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। शुभकामनाएं प्रियंका, तुम्हारी जिंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारे साथ हूं
इनके अलावा कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा वह पहले भी चुनाव में जिम्मेदारियां संभाल चुकी है। अब जैसी परिस्थितियां होंगी वैसा फैसला लिया जाएगा। इस फैसले से पूरे देश में उत्साह है। वहीं दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा है कि यह फैसला स्वागत योग्य है। प्रियंका जी को चुनाव और राजनीति की अच्छी समझ है। सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस को फायदा होगा। यह कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है।
केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद का कहना है कि प्रियंका गांधी वाड्रा जी महासचिव बन गई हैं, उन्हें मेरी शुभकामनाएं, चूंकि यह पार्टी परिवार का ही मुद्दा है, इसलिए इस तरह की नियुक्तियां आश्चर्यजनक नहीं हैं, लेकिन इतना फिर भी कहना चाहूंगा कि उन्हें सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश की सीमित भूमिका क्यों दी गई ? संभवतः उनके व्यक्तित्व के लिहाज़ से व्यापक और बड़ी भूमिका दी जानी चाहिए थी।
वही हरीश रावत ने पार्टी के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के इस फैसले का स्वागत करता हूं। प्रियंका जी पहले भी चुनाव में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुकी है। अब जैसी परिस्थितियां होंगी वैसा फैसला लिया जाएगा। प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने उन्हें बधाई देते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। शुभकामनाएं प्रियंका, तुम्हारी जिंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारे साथ हूं।
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