आफताब फारुकी
नई दिल्ली. गुरुवार सुबह जम्मू-कश्मीर राज्य भूकंप के झटकों से हिल गया। भूकंप के ये झटके सुबह 8 बजकर 22 मिनट पर महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूंकप की तीव्रता 4.6 मापी गई। भूकंप के बाद अब तक जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है। जम्मू-कश्मीर समेत पूरे उत्तर भारत में पिछले दो सालों में कई भूकंप आ चुके हैं। हालांकि इनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं थी। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “भूकंप आज सुबह 8.22 बजे आया। भूकंप का केंद्र लेह से 63.6 किलोमीटर उत्तर था।”उन्होंने बताया, “भूकंप का केंद्र 34.39 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 78.21 डिग्री पूर्वी देशांतर में रहा।
वैसे वैज्ञानिकों की मानें तो भारत के हिमालयी क्षेत्र में जल्द ही एक बड़ा भूकंप आ सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस भूकंप की तीव्रता 8।5 या उससे भी अधिक हो सकती है यानी ये इतना विनाशकारी हो सकता है कि इससे जन-धन की भारी हानि की आशंका है। स्टडी में शामिल वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस भूकंप से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों की जान जा सकती है अगर वक्त रहते कोई सावधानी न बरती जाए।
बैंगलोर के जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों का दल शोध में जुटा हुआ था। इसी दल के मुख्य शोधकर्ता सीपी राजेंद्रन ने चेतावनी देते हुए बताया कि भूकंप इतना भयानक हो सकता है जिसकी देश ने अभी तक कल्पना भी नहीं की है। इसकी तीव्रता 8.5 या ज्यादा भी हो सकती है जो कि साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप (8.1) जिसमें 9 हजार से ज्यादा जानें गईं और 2001 में गुजरात में आए भूकंप (7.7) जिसमें 13 हजार से ज्यादा लोग मारे गए, से भी ज्यादा है।
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