शाहरुख़ खान
लखनऊ. इस नये साल में पहली बार बुआ और भतीजा यानी अखिलेश और मायावती एक मंच पर एक साथ नज़र आये। इस साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सपा-बसपा ने मोदी सरकार पर सीबीआई से विपक्ष को डराने का आरोप लगाया और कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन की ख़बर से ही बीजेपी डर गई। और सरकार ने तोते से गठबंधन कर लिया। अखिलेश ने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उनके पास सीबीआई है तो हमारे पास गठबंधन है। बीजेपी ध्यान रखे कि सीबीआई चुनाव नहीं जीतती है।
क्या बोले रामगोपाल
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा को पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी। पीएम को बनारस छोड़कर कहीं और जाना होगा। समाजवादी पार्टी और हमारे सहयोगी दल जब सड़कों पर उतरेंगे तो इन्हें काम करना मुश्किल हो जाएगा।
क्या कहा सतीश चन्द्र मिश्रा ने
बसपा के सतीश मिश्र ने कहा कि अगर आरोप अधिकारी पर हैं, तो ले आरोप मंत्री पर कैसे हो सकते हैं? सीबीआई की धमकी से साबित होता है कि सरकार कैसे सीबीआई को ध्वस्त कर रही है। यूपी में न कानून व्यवस्था है और न ही महिला सुरक्षित है। हमीरपुर में जो हुआ है, उसके लिए मुख्यमंत्री कैसे जिम्मेदार है।
धर्मेन्द्र यादव ने क्या कहा
इसके अलावा सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने यूपी में सीबीआई की कार्रवाई का मामला आज लोकसभा में भी उठाया। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि 4 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच मुलाकात हुई थी। उसके बाद 5 जनवरी को सीबीआई के द्वारा यूपी में छापे की कार्रवाई की गई और एफआईआर दर्ज कराई गई। सरकार सीबीआई को तोते की तरह इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस ने कहा हम अखिलेश के साथ है
वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अखिलेश के साथ खड़े होने का एलान किया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नरेंद्र मोदी ने किसानों और मजदूरों पर ध्यान नहीं दिया और सीबीआई दूसरी संस्थाओं के जरिए दूसरी पार्टियों पर दबाव बनवाने का काम किया। सरकार जाते-जाते अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। सरकार बने हुए इतने साल हो गए, तब से उसे यह क्यों नहीं दिखा। चुनाव के दौरान गठबंधन न हो, इसलिए यह सब हो रहा है। लेकिन इस देश में ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी।
क्या है मामला
बताते चले कि सीबीआई जांच में सामने आया है कि हमीरपुर की डीएम रहते हुए आईएएस बी चंद्रकला पर दस अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन करवाया था। इसमें सपा और बसपा के दो नेता सहित कई बाबू और दलाल भी शामिल बताए गए थे। सूत्रों के मुताबिक 2012 से 2016 के बीच हुए इस घोटाले का पूरा सच जानने के लिए सीबीआई अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि साल 2012 से 2013 के बीच अखिलेश यादव ने खनन महकमा अपने पास रखा था। बाद में उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को खनन मंत्री बनाया था।
सपा कार्यकर्ता उतरे सडको पर
वही आज सपा के कार्यकर्ताओ ने विरोध में लगभग हर शहर में जुलूस निकाले और सरकार पर भ्रष्टाचार के नारे लागते हुवे शहरों का चक्रमण किया। इस दौरान सपा बसपा गटबंधन का चिरपरिचित नारा भी प्रदेश की सडको पर गूंजा जिसमे मिले मुलायम कांशीराम का नारा जोर देकर लगाया गया। मौजूदा माहोल को देखे तो एक तरफ जहा भाजपा सरकार केंद्र में राफेल मुद्दे पर घिरती नज़र आ रही है, वही क्षेत्रीय दलों से सीधे टक्कर लेकर भाजपा अपनी 2019 की मुश्किलें बढ़ाती ही दिखाई दे रही है।
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