बावजूद इसके चहेतों को लाभ दिलाने के लिए उन्हें संविदा पर तैनात किया जा रहा है यदि उनके लायक विभाग में जगह नहीं है तो पद का सृजन कर तैनाती दी जा रही है। ऐसा ही एक मामला स्टेट इनोवेशन इन फैमिली प्लानिंग सर्विसेज प्रोजेक्ट एजेंसी (सिफ्सा) का प्रकाश में आया है। उक्त एजेंसी जब अपने शबाब पर थी तो वित्तीय सलाहकार जैसी कोई पोस्ट ही नहीं थी। जब उक्त संस्था अपने संचित निधि से प्रदेश मे स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिये कटिबद्ध है तो ऐसे समय मे अपने किसी चहेते को लाभ देने हेतु शासन स्तर से वित्तीय सलाहकार का पद सृजित करना कहां तक मुनासिब है। संस्था ने शासन से मिली अनुमति के उपरान्त एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है, जिसमे एक लाख रुपये मासिक वेतन निर्धारित करते हुए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित किया गया है।
तारिक खान डेस्क: नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कुम्भ मेले को लेकर सरकार पर…
आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…
सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…
तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…
सबा अंसारी डेस्क: संभल शाही जामा मस्जिद के कुए को हरिमंदिर बता कर पूजा की…
संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…